त्योहारों का मौसम खुशियों और रौनक से भरा होता है। घर की सजावट, तोहफों की खरीदारी और रिश्तेदारों से मुलाकातें इस समय को और खास बना देती हैं। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी चुनौती होती है बढ़ते खर्चे।
कई बार खर्च इतना बढ़ जाता है कि महीने की सैलरी कम पड़ने लगती है। ऐसे में लोग पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड का सहारा लेने लगते हैं। हालांकि, अगर समझदारी से काम न लिया जाए तो यही समाधान भविष्य में बोझ बन सकता है।
जरूरत पड़ने पर ही लें लोन
त्योहारों की चमक-दमक में कई बार लोग सिर्फ मौज-मस्ती के लिए लोन ले लेते हैं। जैसे – महंगे गिफ्ट खरीदना, नए कपड़े लेना या छुट्टियों पर जाना। लेकिन ज़रूरी है कि आप खुद से सवाल करें – क्या यह खर्च अभी करना जरूरी है? यदि यह खर्च टाला या कम किया जा सकता है तो लोन लेने से बचना ही समझदारी होगी।
क्रेडिट कार्ड बेहतर विकल्प हो सकता है
यदि आपके पास क्रेडिट कार्ड है और आप उसमें खर्च की गई राशि 30-45 दिनों के भीतर चुका सकते हैं, तो यह लोन से अच्छा विकल्प हो सकता है। खासकर तब जब क्रेडिट कार्ड कंपनियां फेस्टिव ऑफर्स, डिस्काउंट या कैशबैक देती हैं। हालांकि, ध्यान रहे कि समय पर भुगतान न करने पर भारी ब्याज देना पड़ सकता है।
जितनी जरूरत हो, उतना ही लें उधार
लोग पर्सनल लोन लेते समय अक्सर जरूरत से ज्यादा पैसा ले लेते हैं ताकि कुछ अतिरिक्त रकम हाथ में रहे। लेकिन यह अतिरिक्त रकम आगे चलकर ज्यादा ब्याज का बोझ बन जाती है। इसलिए हमेशा उतना ही लोन लें, जितना जरूरी हो, और उसे चुकाने की स्पष्ट योजना पहले से बना लें।
लोन की अवधि कम रखें
पर्सनल लोन का उद्देश्य केवल तुरंत जरूरतों को पूरा करना है। इसलिए इसकी अवधि भी छोटी होनी चाहिए। कोशिश करें कि लोन 6 महीने से 1 साल के भीतर चुका दिया जाए। लंबी अवधि तक EMI देने से आपका मासिक बजट बिगड़ सकता है और त्योहार की खुशी भी धीरे-धीरे कम हो सकती है।
भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखें
यदि आप आने वाले समय में घर, कार या बच्चों की पढ़ाई के लिए बड़ा लोन लेने का सोच रहे हैं, तो इस त्योहार पर लिया गया पर्सनल लोन आपके क्रेडिट स्कोर और लोन लेने की पात्रता (Loan Eligibility) पर असर डाल सकता है। इसलिए हमेशा सोच-समझकर फैसला लें ताकि आज की छोटी खुशी कल के बड़े सपनों में बाधा न बने।