रामजी महाजन पुरस्कार योजना में 50 लाख से अधिक का भ्रष्टाचार, मंत्री रामखेलावन पटेल पर लगे आरोप

रामजी महाजन पुरस्कार योजना में 50 लाख से अधिक का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। जिसमें ओबीसी समाज के समाजसेवियों के साथ अन्याय होने की बात कहते हुए ओबीसी महासभा ने इस की मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। इसकों लेकर मंत्री रामखेलावन पटेल ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित “रामजी महाजन समाजसेवी पुरस्कार योजना” जोकि पिछड़े वर्ग समाज के वास्तविक समाजसेवियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से बनाई गई थी। अब भ्रष्टाचार और कार्टेल गैंग का शिकार हो चुकी है।

अपात्र लोगों को दिया योजना का लाभ
ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राधे जाट ने बताया कि वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक इस योजना में भारी अनियमितताएँ और भ्रष्टाचार हुआ है। पात्र और वास्तविक समाजसेवियों को दरकिनार कर अपात्र व्यक्तियों को पुरस्कार सूची में शामिल किया गया।

भ्रष्टाचार के मुख्य बिंदु
बताया जा रहा है कि तत्कालीन मंत्री रामखेलावन पटेल ने योजना की चयन प्रक्रिया में सीधा हस्तक्षेप किया। इसके साथ ही उनके निजी सहयोगियों और विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रत्येक आवेदक से लगभग ₹50,000 की अवैध वसूली की गई। पात्र समाजसेवियों के आवेदन दरकिनार कर, रिश्तेदारों, निजी सहायकों, यहाँ तक कि मंत्री के रसोइए को भी सूची में शामिल कर लिया गया।

प्रकिया में सदस्यों की भी मिलीभगत
चयन प्रक्रिया में शामिल डॉ. बी.पी. गौर, डॉ. नीलेश देसाई, नवीन गुप्ता, एन.पी. नामदेव, डॉ. ममता भट्टाचार्य, प्रतिपाल पटेल आदि की मिलीभगत से एक कार्टेल ने योजना को अपने नियंत्रण में ले लिया। पात्र समाजसेवियों को नज़रअंदाज़ करने से हजारों वास्तविक कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है।

तुलनात्मक उदाहरण
हाल ही में पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन योजना (2025-26) में भी 20 से अधिक अपात्र आवेदनों का मामला सामने आया था। उस समय मुख्यमंत्री  के हस्तक्षेप से विभाग की प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी पड़ी और पात्र विद्यार्थियों को न्याय दिलाने का मार्ग खुला।

ओबीसी महासभा की माँग
वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक की सभी चयनित सूचियों को तत्काल निरस्त किया जाए। सभी पात्र समाजसेवियों से दोबारा आवेदन आमंत्रित किए जाएँ और उनकी प्रोफाइल का स्वतंत्र एवं निष्पक्ष वेरिफिकेशन हो। जिन व्यक्तियों ने योजना का दुरुपयोग कर अवैध वसूली की है, उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कठोर कार्यवाही हो। भविष्य में इस योजना को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से संचालित किया जाए।

ओबीसी महासभा का रुख
ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे जाट ने कहा कि“रामजी महाजन जैसे महान समाजसेवी के नाम पर चलाई गई योजना का भ्रष्टाचार में डूबना पूरे समाज के लिए अपमानजनक है। यह केवल आर्थिक भ्रष्टाचार नहीं बल्कि उन हजारों समाजसेवियों की आत्मा के साथ विश्वासघात है जिन्होंने बिना स्वार्थ समाज सेवा की। यदि मुख्यमंत्री जी पुरानी सूची निरस्त कर नई प्रक्रिया प्रारंभ करते हैं तो समाज को यह संदेश जाएगा कि सरकार भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति पर चल रही है।”