छिंदवाड़ा में संदिग्ध कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में डॉक्टर प्रवीण सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसकों लेकर मोहन सरकार ने कफ सिरप को तो प्रदेश में बैन कर दिया है। लेकिन इसके साथ ही प्रदेश में एक बार फिर ड्रग ट्रायल होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता । प्रदेश सरकार को अब एक बार फिर से ड्रग ट्रायल को लेकर इस कंपनी की जांच शुरू करना चाहिए। इसके साथ ही तमिलनाडु की श्रेषन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी पर केस दर्ज हुआ है। प्रयोगशाला रिपोर्ट में सिरप में हानिकारक रसायन पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से दो कफ सिरप पर पूरे प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया है।
हानिकारण रसायन के बावजूद मार्केट में कैसे आया सिरप
बच्चों की मौत के बाद हुई कफ सिरप की जांच में दवाई में हानिकारक रसायनों की मौजूदगी इस बात की भी पुष्टी करती है कि प्रदेश में बिना किसी जांच-पड़ताल और प्रयोगशाला में जांच किए बिना ही ड्रग विभाग मार्केट में दवाइंयों की ब्रिक्री शुरू कर देता है। जबकि कोई भी दवाई मार्केट में उतारने से पहले उसकी जांच की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है।
क्या सिर्फ डॉक्टर ही दोषी?
किडनी खराब होने से बच्चों की मौत के मामले में श्रेषन फार्मास्यूटिकल्स और डॉक्टर प्रवीण सोनी पर हत्या का मुकदमा पुलिस ने दर्ज किया है। छिंदवाड़ा के कोतवाली थाना क्षेत्र राजपाल चौक से डॉक्टर प्रवीण सोनी को देर रात एसपी की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में कठोर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडेय ने बताया कि परासिया बीएमओ डॉक्टर अंकित सहलाम की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है।
कई गंभीर नियमों के बावजूद दवाई तीन राज्यों में केसे बिकी
पुलिस ने तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रेषन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की ‘एडल्ट्रेशन ऑफ ड्रग’ (दवाओं में मिलावट) और ‘हत्या की कोटि में आने वाले अपराधिक मानव वध’जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। इसके अलावा ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। इन धाराओं में अधिकतम आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। इस मामले में पुलिस ने फिलहाल एक डॉक्टर को ही दोषी मान कर उस पर कई गंभीर धाराएं लगा दी है। लेकिन इस पूरे मामलें में कफ सिरप निर्माण कंपनी और ड्रग विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी दोषी है।
कफ सिरप ने छिन लिए कई चिराग
छिंदवाड़ा जिले में एक कफ सिरप त्रासदी ने हड़कंप मचा दिया है। संदिग्ध कफ सिरप के सेवन से अब तक 14 मासूम बच्चों की मौत होने की जानकारी सामने आई है, हालांकि प्रशासन ने अभी तक 10 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की है। प्रयोगशाला रिपोर्ट में सिरप में हानिकारक रसायन पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से दो कफ सिरप पर पूरे प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया है और कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
मार्केट में उतारने के पहले की प्रयोगशाला रिपोर्ट सार्वजनिक करें सरकार
सरकार ने बच्चों की मौत के बाद कफ सिरप की प्रयोगशाला रिपोर्ट को आधार मान कर कार्रवाई कर दी लेकिन इस दवाई को मार्केट में उतारने से पहले ड्रग विभाग में पेश की गई प्रयोगशाला की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। यदि इस पूरे मामले की गहन जांच की जाए तो कई लोगों इन बच्चों की मौत के जिम्मेदार निकलेंगे।