जोन-2 के एक थाने में पुलिस की अवैध गतिविधियों का खेल तेजी से सामने आया है। हाल ही में एक युवक को UBT कॉइन और 11 लाख रुपए कैश के साथ पकड़ा गया। जैसे ही यह मामला थाने में पहुंचा, कुछ पुलिसकर्मी सक्रिय हो गए और मामला “सेटिंग” के जरिए सुलझाने की तैयारी शुरू हो गई। यही वह समय था जब कानून की जगह नोटों और कॉइनों का खेल थाने में चलने लगा।
युवक के साथ पकड़े गए 11 लाख रुपए और UBT कॉइन
सूत्रों के अनुसार, युवक को पकड़े जाने के बाद पुलिसकर्मी तुरंत फोन पर किसी उच्च अधिकारी से संपर्क करने लगे। बातचीत में कहा गया कि “मोटे गंजे वाले ने पकड़ा है, ले-दे कर सब सेट हो जाएगा।” कुछ ही घंटों में मामला थाने के अंदर सुलझा लिया गया। युवक थाने से मुस्कुराते हुए बाहर निकला, जबकि उसके 8 लाख रुपए थाने में “नजराना” के तौर पर रह गए।
रिश्वत की पूरी कहानी
बताया जा रहा है कि आरोपी को “निपटाने” के नाम पर 3 लाख रुपए रिश्वत के रूप में लिए गए। पूरा खेल थाने के उच्च अधिकारियों की अनुमति से चला। आदेश ऊपर से नीचे तक स्पष्ट थे: “मामला खत्म करो।” इससे यह साफ हो गया कि पुलिस के कुछ हिस्से में रिश्वत लेने और मामले को दबाने का सिस्टम सालों से काम कर रहा है।
लोकायुक्त में शिकायत की तैयारी
अब उस युवक ने तय किया है कि वह इस पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त में दर्ज कराएगा। उसका कहना है कि उसका पैसा और अधिकार एक नंबर का था और उसे ठगा गया। इससे पहले आजाद नगर थाने में 2 लाख की रिश्वत लेने वाला एक पुलिसकर्मी लोकायुक्त के जाल में फंस चुका है, जिसके बाद वहां के टीआई को छुट्टी दे दी गई थी। यह दिखाता है कि नियम और कानून के खिलाफ चलने वाले कुछ अधिकारी समय-समय पर पकड़ में आते रहते हैं।
थाना प्रभारी पर उठ रहे सवाल
इस मामले के सामने आने के बाद जोन-2 के थाने प्रभारी की कुर्सी भी हिलने लगी है। अफसरों के बीच चर्चा है कि यह थाना प्रभारी “सेटिंग के मास्टर” के नाम से मशहूर है। ऊपर तक शिकायतें पहुंच चुकी हैं, लेकिन अब तक किसी ने सख्त कदम उठाने की हिम्मत नहीं दिखाई। सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस कमिश्नर इस बार “सेटिंग गैंग” के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, या फिर नोटों की गर्मी से मामला फिर से ठंडा पड़ जाएगा।