प्रदेश सरकार ने अब एक बार फिर आवासीय जमीनों पर बसें लोगों को राहत और सुरक्षा देने का प्रयास किया है। जिसके चलते कई उद्योगों के स्थापित करने पर रोक लगा दी गई है। इसके चलते अब वाणिज्यिक क्षेत्रों में उद्योगों के लिए नए नियम लागू किए जाएगे। रेड, आरेंज और ग्रीन श्रेणी के उद्योग आवासीय क्षेत्रों में प्रतिबंधित होंगे। ये नियम 2 अक्टूबर से प्रभावी हो गए हैं और प्रदेश में उद्योगों के विकास को नियंत्रित करेंगे। व्हाइट और ब्लू श्रेणी के उद्योगों को ही यहां अनुमति मिलेगी।
रेड लिस्ट में शामिल हुए अस्पताल
प्रदेश सरकार ने 127 उद्योगों को रेड श्रेणी में शामिल करते हुए 13 साल पुराने भूमि विकास नियम-2012 में बदलाव कर दिया है। नए नियम के तहत आवासीय ही नहीं, वाणिज्यिक क्षेत्रों में भी कई उद्योग प्रतिबंधित किए गए हैं। अब आवासीय क्षेत्र में आटोमोबाइल, विस्फोटक निर्माण, होटल जैसे उद्योग नहीं लग पाएंगे। इतना ही नहीं, नए चिकित्सालय भी आवासीय क्षेत्रों में नहीं खोले जाएंगे।
नियमों की जानाकारी से अनजान है कई लोग
ऐसे प्रतिबंधित उद्योगों को रेड, आरेंज, ग्रीन, व्हाइट एवं ब्लू श्रेणी में रखा गया है। आवासीय उपयोग वाले क्षेत्रों में रेड, आरेंज और ग्रीन श्रेणी के उद्योगों और वाणिज्यिक उपयोग वाले क्षेत्रों में रेड, आरेंज श्रेणी के उद्योगों को लगाने की अनुमति नहीं होगी। नए नियम दो अक्टूबर से प्रदेश में प्रभावी हो गए हैं।
बढ़ते आवासिय क्षेत्र से बढ़ती चुनौतियां
नए बदलाव में भू उपयोग में मिश्रित (आवासीय एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों में वाणिज्यिक और सार्वजनिक एवं अर्ध सार्वजनिक गतिविधियां) और पारगमन उन्मुख विकास (मास रैपिड ट्रांजिस्ट सिस्टम) शामिल किया गया है। मास रैपिड ट्रांजिट (एमआरटी) एक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है जो एक शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को तेज़ी से और कुशलता से ले जाने के लिए डिजाइन की गई है
आवासीय क्षेत्रों में रेड आरेंज ग्रीन श्रेणी के ये उद्योग रहेंगे प्रतिबंधित
आवासीय उपयोग वाले क्षेत्रों में रेड, आरेंज और ग्रीन श्रेणी के उद्योगों नहीं लगेंगे। रेड श्रेणी में आटोमोबाइल विनिर्माण, ईटभट्टा, बेटरी निर्माण इकाई, कार्बन ब्लैक निर्माण, साबुन फैक्ट्री, विस्फोटक निर्माण, उर्वरक, यूरिया आदि, खनिज खदान, चमडा कारखाना, गुड़ चीनी, डेयरी फार्म, होटल, चिकित्सालय सहित 127 उद्योग शामिल हैं। जबकि नारंगी श्रेणी में बेकरी सहित 143 उद्योग हैं और ग्रीन श्रेणी में अलमारी-ग्रिल निर्माण, गोशालाओं सहित 111 उद्योग हैं। इसी तरह वाणिज्यिक उपयोग वाले क्षेत्रों में रेड और आरेंज श्रेणी के उद्योग प्रतिबंधित होंगे।
व्हाइट और ब्लू श्रेणी के उद्योगों की होगी अनुमति
सिर्फ व्हाइट एवं ब्लू श्रेणी के उद्योग को ही आवासीय एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों में लगाने की अनुमति होगी। व्हाइट श्रेणी में 10 करोड़ से कम लागत वाले उद्योगों में एयर कूलर मरम्मत, चिकित्सा आक्सीजन जैविक खाद, पाउडर दूध पैकिंग, सौर माडल, कपास, रेशम, ऊन बनाना, बल्ब एलईडी निर्माण, हथकरघा, कालीन बुनाई, चमड़े की कटाई सिलाई, जूता, ब्रश आदि निर्माण, बायो गैस सहित 767 उद्योग हैं। इसी तरह ब्लू श्रेणी में ठोस अपशिष्ट सयंत्र, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसे 12 उद्योग शामिल है।