मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुवाहाटी में आयोजित ‘इन्टरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन मध्यप्रदेश’ में असम के उद्योगपतियों और निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश देश के औद्योगिक विकास के लिए आदर्श स्थान बन चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य की केंद्रीय भौगोलिक स्थिति, भरपूर बिजली-पानी, कुशल श्रमशक्ति और बेहतरीन लॉजिस्टिक्स सुविधाएं उद्योग स्थापित करने के लिए निवेशकों को आकर्षित करती हैं।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश और असम के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण और माता रूक्मणी का प्रसंग दोनों राज्यों को प्राचीन काल से जोड़ता है। बावन शक्तिपीठों में से देवी कामाख्या असम में हैं, वहीं मध्यप्रदेश में बाबा महाकाल विराजमान हैं। इन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कड़ियों ने दोनों राज्यों के बीच विशेष संबंध स्थापित किए हैं।
उद्योगपतियों को निवेश का आमंत्रण
मुख्यमंत्री ने असम के उद्योगपतियों और निवेशकों से अपील की कि वे मध्यप्रदेश में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाएं और यहां अपने उद्योग एवं निर्माण इकाइयां स्थापित करें। उन्होंने कहा कि सरकार हर कदम पर निवेशकों का सहयोग करेगी और उन्हें आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। विशेष रूप से रोजगार आधारित उद्योगों के लिए राज्य सरकार प्रति श्रमिक 5000 रुपए की सब्सिडी भी प्रदान करेगी।
पीएम मित्र पार्क और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के पहले और सबसे बड़े पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क का भूमिपूजन मध्यप्रदेश में किया जा चुका है। यह टेक्सटाइल पार्क निवेश के लिए एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि निवेशक चाहे तो इस पार्क में या राज्य के किसी भी अन्य अंचल में अपनी औद्योगिक इकाई स्थापित कर सकते हैं और राज्य सरकार इसमें पूरी मदद करेगी।
मध्यप्रदेश और असम मिलकर कर सकते हैं कई सेक्टर में सहयोग
मुख्यमंत्री ने असम के उद्योगपतियों को बताया कि दोनों राज्य कई क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और असम मिलकर कृषि, वन्य जीव संरक्षण, पर्यावरणीय पर्यटन और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में नई परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकते हैं। वन्य जीवों के आदान-प्रदान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश बाघ और असम गैंडा जैसी प्रजातियों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
ऊर्जा और औद्योगिक बुनियादी ढांचा
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश बिजली उत्पादन में अग्रणी है और यहां ग्रीन एनर्जी उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में औद्योगिक इकाई स्थापना, कच्चे माल की उपलब्धता, लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी और कुशल श्रमशक्ति जैसी सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
उद्योगपतियों का उत्साह और निवेश प्रस्ताव
गुवाहाटी में आयोजित सेशन में कई उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में निवेश की रुचि दिखाई। फार्मास्युटिकल, प्लास्टिक और पैकेजिंग, खाद्य प्रसंस्करण, सीमेंट निर्माण, ईको-टूरिज्म, और होटल उद्योगों के लिए प्रस्ताव पेश किए गए। मुख्यमंत्री ने वन-टू-वन चर्चा कर निवेशकों को निवेश के लिए आमंत्रित किया।
औद्योगिक नीतियां और निवेश प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए 18 नवीन नीतियां लागू की गई हैं। राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम के तहत निवेशक मात्र 30 दिन में उद्योग स्थापित कर सकते हैं। रोजगार आधारित उद्योगों के लिए विशेष सैलरी सब्सिडी और मेगा इंडस्ट्रीज के लिए कस्टमाइज्ड पैकेज उपलब्ध हैं।
मध्यप्रदेश–अनंत संभावनाएं
कार्यक्रम में ‘मध्यप्रदेश–अनंत संभावना’ नामक ऑडियो-विजुअल शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने निवेशकों से अपील की कि वे मध्यप्रदेश में निवेश करें और राज्य की औद्योगिक संभावनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर कदम पर निवेशकों का समर्थन करेगी और उन्हें सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगी।