कफ सिरप विवाद, राजनीति नहीं, बच्चों की जान का सवाल

मध्यप्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला से तत्काल इस्तीफा देने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री और राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया असंवेदनशील रही और समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

तमिलनाडु बनाम मध्यप्रदेश: मामले की तुलना

जीतू पटवारी ने मामले की तुलना तमिलनाडु से करते हुए कहा कि वहां की सरकार ने मान लिया कि कफ सिरप से बच्चों की जान गई, जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने इसे नजरअंदाज किया और स्वास्थ्य मंत्री को क्लीन चिट दे दी। पटवारी ने इसे सीधे तौर पर सरकारी लापरवाही और बच्चों की जान की अनदेखी बताया। उनके अनुसार, इस तरह की प्रतिक्रिया न केवल पीड़ित परिवारों के न्याय की राह में बाधक है, बल्कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है।

स्वास्थ्य मंत्री से तत्काल इस्तीफे की मांग

जीतू पटवारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मामला राजनीति का नहीं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और जान का है। उन्होंने राजेंद्र शुक्ला से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आग्रह किया कि स्वास्थ्य मंत्री को तुरंत पद से हटाया जाए। उनका मानना है कि इस मामले में जिम्मेदारी तय करना और उचित कार्रवाई करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।

सरकार पर गंभीर आरोप

कांग्रेस नेता ने सरकार पर आरोप लगाया कि उनके रवैये से पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिला और भविष्य में स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी प्रभाव पड़ा। उनका कहना था कि इस तरह की लापरवाही सीधे तौर पर बच्चों की जान के खतरे को बढ़ाती है और इसे नजरअंदाज करना समाज और प्रशासन के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।