दिवाली बोनस से वंचित होंगे ये कर्मचारी, इस लिस्ट में कही आप भी तो नहीं

दिवाली के त्योहार से पहले केंद्र सरकार ने केंद्र कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए दो बड़ी खुशखबरी दी है। एक ओर महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की गई है, वहीं Non-Productivity Linked Bonus (NPLB) भी दिया जा रहा है। यह बोनस लगभग 30 दिन के वेतन के बराबर है, यानी करीब 6,908 रुपये। बोनस ग्रुप B, ग्रुप C, सुरक्षा बल और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों को मिलेगा, लेकिन इसे पाने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।

बोनस पाने के लिए जरूरी शर्तें

सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी कर्मचारी इस बोनस के हकदार नहीं हैं। बोनस पाने के लिए कर्मचारी को तय समय तक लगातार काम करना होगा और लंबी छुट्टियां नहीं लेनी होंगी। रिपोर्ट के अनुसार, यह Non-Productivity Linked Bonus केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो 31 मार्च 2025 तक नौकरी में बने रहेंगे और कम से कम 6 महीने लगातार काम कर चुके होंगे। इसका मकसद मेहनती और लगातार काम करने वाले कर्मचारियों को ही यह सुविधा देना है।

बोनस की राशि और कैलकुलेशन

बोनस की अधिकतम राशि 7,000 रुपये रखी गई है, लेकिन हर कर्मचारी को पूरी रकम नहीं मिलेगी। यह आपकी बेसिक सैलरी के अनुसार तय किया जाएगा। बोनस का कैलकुलेशन फॉर्मूले के आधार पर होगा:
7000 × 30 ÷ 30.4 = 6907.89 रुपये, यानी लगभग 6,908 रुपये। इसका भुगतान सीधे कर्मचारियों के खाते में किया जाएगा।

महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी

दिवाली से पहले सरकार ने महंगाई भत्ते में भी बढ़ोतरी की घोषणा की है। 1 जुलाई 2025 से लागू यह नई दर 55% से बढ़कर 58% हो गई है। इसका लाभ कर्मचारियों को अक्टूबर की सैलरी के साथ मिलेगा, जिसमें जुलाई, अगस्त और सितंबर के तीन महीनों का एरियर भी शामिल होगा।

उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है, तो पहले 55% DA यानी 27,500 रुपये मिलते थे। नई दर के अनुसार यह अब 29,000 रुपये हो जाएगा, जिससे हर महीने 1,500 रुपये अतिरिक्त सैलरी मिलेगी। इसी तरह, पेंशनभोगियों की बेसिक पेंशन 25,000 रुपये होने पर पहले 13,750 रुपये DR मिलता था, अब 14,500 रुपये मिलेगा।

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए दिवाली का तोहफा

इस बढ़ी हुई DA और Non-Productivity Linked Bonus के साथ केंद्र कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिवाली के मौके पर आर्थिक राहत मिली है। सरकार का यह कदम महंगाई और खर्च बढ़ने के दौर में उनके बजट में मदद करेगा और मेहनत करने वाले कर्मचारियों को विशेष प्रोत्साहन देगा।