मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में एक महिला की इलाज के दौरान मौत के बाद उसके परिजन और रिश्तेदार खातीवाला टैंक स्थित डॉक्टर के क्लिनिक पर आक्रोशित हो गए। परिजनों का आरोप था कि महिला की मौत गलत इलाज के कारण हुई और डॉक्टर की डिग्री पाकिस्तान की है। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य सेवा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए।
घटना की पृष्ठभूमि
जानकारी के अनुसार, संजय खेड़े नामक व्यक्ति अपने कुछ नजदीकी लोगों के साथ रात को क्लिनिक पहुंचे और हंगामा करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि परिवार की महिला को डॉक्टर की जगह क्लिनिक के असिस्टेंट ने इंजेक्शन दिया था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। पुलिस को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया गया। जूनी इंदौर थाना के टीआई अनिल गुप्ता ने बताया कि यह मामला पुराना है और परिजनों का गुस्सा इसी कारण उभर आया।
डॉक्टर का पक्ष
डॉ. ज्ञानचंद पंजवानी ने बताया कि महिला मंजू को उनके क्लिनिक पर 18 सितंबर को लाया गया था। महिला मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों से जूझ रही थी और उनका प्रारंभिक इलाज किया गया। इसके बाद परिजनों ने महिला को प्राइवेट अस्पताल में ले जाया, जहां उसी दिन उसकी मौत हो गई।
डॉ. पंजवानी ने कहा कि उस समय वह क्लिनिक पर मौजूद नहीं थे और उनके असिस्टेंट श्रीचंद ने मरीज को सलाइन लगाया। जब महिला की हालत नहीं सुधरी, तो परिजन उसे एवीपी हॉस्पिटल ले गए। इसके बाद परिजन क्लिनिक आए और इलाज और मृत्यु प्रमाणपत्र के बारे में जानकारी मांगने लगे। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने हंगामा किया।
डिग्री पर उठे सवालों का खंडन
परिजनों के आरोप के अनुसार डॉक्टर की डिग्री पाकिस्तान की है। डॉ. पंजवानी ने इसे पूरी तरह गलत बताया और कहा कि उनके पास वैध डिग्री है और उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में 38 वर्षों तक काम किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पेशेवर अनुभव और योग्यताएं पूरी तरह सही हैं।
चिकित्सा सेवा और पेशेवर आचरण पर सवाल
इस घटना ने इंदौर में चिकित्सा सेवा के मानकों और डॉक्टरों के पेशेवर आचरण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला की मौत के बाद परिजनों की प्रतिक्रिया और डॉक्टर का पक्ष दोनों ही चिकित्सा क्षेत्र में विमर्श का विषय बने। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में उचित जांच और जवाबदेही जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने हंगामे की सूचना मिलने के तुरंत बाद स्थिति को नियंत्रित किया। जूनी इंदौर थाना प्रभारी अनिल गुप्ता ने बताया कि मामले की गहन जांच की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। परिजनों के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर चर्चा
यह घटना एक बार फिर इंदौर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और डॉक्टरों की जिम्मेदारियों पर चर्चा छेड़ गई है। विशेषज्ञ और समाजशास्त्री मानते हैं कि मरीजों और उनके परिवारों की सुरक्षा और संतोष सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है।