मध्यप्रदेश में बीते कुछ हफ्तों से जारी भारी बारिश का दौर अब आखिरकार थमने की ओर है। अक्टूबर की शुरुआत में हुई झमाझम बारिश ने प्रदेशभर में तापमान को काफी हद तक नीचे ला दिया था और लोगों को उमस व गर्मी से राहत दी थी। लेकिन अब मौसम का मिजाज बदल रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून की विदाई हो जाएगी। इसके बाद आसमान साफ रहेगा और धीरे-धीरे हवा में हल्की ठंडक घुलने लगेगी। हालांकि, अगले दो दिनों तक कुछ जिलों में हल्की फुहारें या बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है, लेकिन तेज बारिश या जलभराव की कोई संभावना नहीं है।
किन जिलों में हुई बारिश
सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश दर्ज की गई। श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, टीकमगढ़, सागर, दमोह, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, सिवनी, बालाघाट, मंडला, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, नरसिंहपुर, रतलाम, मंदसौर, धार, बड़वानी, इंदौर, देवास, शाजापुर, आगर, बैतूल, नर्मदापुरम, हरदा, सीहोर, रायसेन, भोपाल, राजगढ़ और विदिशा जिलों में बारिश के साथ तेज हवाएं चलीं। इनमें से भोपाल, रायसेन, गुना और हरदा जिलों में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। कई जगहों पर बारिश के साथ हल्की आंधी भी चली, जिससे तापमान में मामूली गिरावट देखी गई। वहीं, ग्रामीण इलाकों में किसानों को इससे कुछ राहत जरूर मिली, क्योंकि इससे खेतों में नमी बनी रहेगी।
क्यों हो रही है बारिश
मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के अनुसार, वर्तमान में मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती तंत्र) सक्रिय है। यही सिस्टम पिछले दो दिनों से हल्की से मध्यम बारिश का कारण बना हुआ है। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम अब कमजोर पड़ रहा है और अगले 24 से 48 घंटों में समाप्त हो जाएगा।
9 अक्टूबर को कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश या बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है, लेकिन इसके बाद मौसम पूरी तरह साफ होने की उम्मीद है। शर्मा के मुताबिक, प्रदेश के पश्चिमी और मध्य हिस्सों में कोई नया वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है, इसलिए भारी बारिश की संभावना खत्म हो गई है।
इन जिलों से हो चुकी है मानसून की विदाई
मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम जिलों से मानसून विदा हो चुका है। वहीं राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून की वापसी दर्ज की गई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की विदाई के लिए मौसम की परिस्थितियां अब पूरी तरह अनुकूल हो चुकी हैं। यदि हवा की दिशा लगातार उत्तर-पूर्वी बनी रही, तो अगले दो दिनों में शेष जिलों से भी मानसून की वापसी हो जाएगी।
इस साल की बारिश का सफर
मध्यप्रदेश में इस साल मानसून ने 16 जून को दस्तक दी थी, जो अपने तय समय से एक दिन बाद था। शुरुआत में मानसून की रफ्तार धीमी रही, लेकिन जुलाई और अगस्त में यह पूरे जोश में दिखाई दिया। कई जिलों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई, जिससे नदियां और बांध उफान पर आ गए। सितंबर के आखिरी सप्ताह तक प्रदेश में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, सामान्य परिस्थितियों में 6 अक्टूबर तक मानसून प्रदेश से विदा हो जाता है, लेकिन इस बार बने नए वेदर सिस्टम की वजह से इसकी अवधि कुछ दिनों के लिए बढ़ गई। अब 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून की विदाई पूरी होने की संभावना जताई गई है।
अब लौटेगा सुहावना मौसम
जैसे-जैसे मानसून विदा होगा, वैसे-वैसे मध्यप्रदेश का मौसम एक बार फिर सुहावना होता जाएगा। दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी तो होगी, लेकिन रातें अब ठंडी और आरामदायक रहेंगी। आने वाले दिनों में सुबह-शाम की ठंडक बढ़ेगी और धीरे-धीरे सर्दियों के मौसम का आगाज महसूस होने लगेगा। मौसम विभाग ने साफ संकेत दिए हैं कि अब राज्य में भारी बारिश की कोई आशंका नहीं है, इसलिए लोगों को न जलभराव की चिंता होगी और न ही अचानक होने वाली मूसलाधार बारिश की।