रिश्वत शायद सरकारी अधिकारियों के सर पर चढ़ कर बोलने लगी है। रूपए का लालच इस तरह बढ़ गया है कि वह अपने कार्यालय के ही कर्मचारियों से रिश्वत खाने के लिए तत्पर रहते है। ऐसे ही एक ओर मामले का खुलासा तब हुआ जब पन्ना में 15000 की रिश्वत लेते एक महिला अधिकारी रंगे हाथ पकड़ाई, यहां पर लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है।
लोकायुक्त सागर की कार्रवाई
पिछले 10 दिनों में दूसरी बार लोकायुक्त सागर की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए घूसखोरों को पकड़ा है। ताजा मामला सीएमएचओ कार्यालय पन्ना से प्रकाश में आया है, जहां लिपिक विमल खरे को 2500 रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त सागर की पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा। घटना के बाद सीएमएचओ कार्यालय में हड़कंप के हालात हो गए।
खुले आम चल रही घूसखोरी
पन्ना जिले में भ्रष्ट अधिकारियों का तंत्र इतना मजबूत है कि लगातार लोकायुक्त कार्रवाई का भी उनको कोई भय नहीं है। खुलेआम घूसखोर अधिकारी कर्मचारियों के नाम पर पैसे मांग रहे हैं और लोकायुक्त कार्यवाही करता जा रहा है। हर विभाग में ऐसे बाबू अधिकारियों की भरमार है। जिले में पिछले 10 दिनों में दूसरी बार लोकायुक्त सागर की टीम ने छापामार कार्रवाई की।
सीएमएचओ कार्यालय में हड़कंप
कुछ दिन पूर्व अमानगंज में लोकायुक्त की कार्यवाही का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब मामला सीएमएचओ कार्यालय पन्ना से प्रकाश में आया है, जहां लिपिक विमल खरे को 2500 रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त सागर की पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा। घटना के बाद सीएमएचओ कार्यालय में हड़कंप के हालात हो गए। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद ऐसा लग रहा था कि जैसे कार्यालय में अघोषित अवकाश हो गया हो और सभी कर्मचारी इधर-उधर भाग खड़े हुए।
लिपिक ने 2500 रुपये की मांग की थी
आवेदक दिलीप डामोर पिता देवचंद डामोर उम्र 28 वर्ष निवासी नवापाड़ा कस्बा थांदला जिला झाबुआ हाल निवासी बेनिसगर मोहल्ला जो कि जिला क्षय केंद्र में लैब टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ हैं, उन्होंने लोकायुक्त सागर पुलिस को शिकायत की थी कि उनकी माता की तबीयत खराब है जिसके चलते उन्हें छुट्टी चाहिए। इसके चलते उन्होंने लिपिक विमल खरे से संपर्क किया। उनके द्वारा 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कुल 2500 रुपये की मांग की गई।
दराज में रखे थे पैसे
शिकायत के बाद सागर लोकायुक्त की टीम ने ट्रेस कर लिपिक विमल खरे को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सागर लोकायुक्त की निरीक्षक रोशनी जैन ने बताया कि लोकायुक्त सागर में शिकायत की गई थी जिसकी तस्दीक सही पाए जाने पर आज टीम ने पैसे देते हुए लिपिक विमल खरे को रंगे हाथ पकड़ा है।
पैसे लिपिक ने अपने कार्यालय के दराज में रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि आगे की कार्रवाई की जा रही है। उक्त कार्यवाही में निरीक्षक, निरीक्षक कमल ऊइके, प्रधान आरक्षक सफीख खान, आरक्षक अरविंद नायक, आरक्षक राघवेन्द्र सिंह, आरक्षक गोल्डी पासी, आरक्षक आदेश तिवारी शामिल रहे।