कोल्ड्रिफ कफ सीरप मामला: 21 बच्चों की मौत, कंपनी मालिक एस. रंगनाथन को चेन्नई से किया गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से 21 बच्चों की मौत के बाद पुलिस ने इसे बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के मालिक एस. रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है। देर रात हुई गिरफ्तारी के बाद रंगनाथन को चेन्नई की अदालत में पेश किया जाएगा। अदालत से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद उसे छिंदवाड़ा लाया जाएगा, ताकि इस मामले की गहन जांच की जा सके। पुलिस के अनुसार, रंगनाथन लगातार ठिकाने बदलते हुए फरार रहा था और इसी वजह से उसकी तलाश कठिनाई से हो रही थी।

जहरीला रसायन और फरार आरोपी

कोल्ड्रिफ कफ में पाया गया जहरीला रसायन डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मानक से 486 गुना अधिक था। सीरप में इसकी मात्रा 0.1 प्रतिशत की जगह 48.6 प्रतिशत पाई गई। इस मामले में आरोपी डॉ. जी. रंगनाथन, जो तमिलनाडु के कांचीपुरम का निवासी है, फरार चल रहा था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 20,000 रुपये का इनाम घोषित किया था।
मध्य प्रदेश पुलिस की एसआईटी टीम मंगलवार को कांचीपुरम पहुंची थी और रंगनाथन की तलाश में कई जगह छापेमारी की। बुधवार तक रंगनाथन लगातार अपनी लोकेशन बदलते रहे, लेकिन पुलिस की कड़ी कार्रवाई के बाद आखिरकार उसे गिरफ्तार किया जा सका।

मृतकों की संख्या और प्रभावित जिले

कोल्ड्रिफ सीरप से बुधवार को दो और बच्चों की मौत हुई। छह वर्षीय दिव्यांशु यदुवंशी और तीन वर्षीय वेदांश काकोड़िया ने नागपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस तरह मध्य प्रदेश में अब तक 21 बच्चों की मौत दर्ज की गई है। मृतकों में 18 बच्चे छिंदवाड़ा, दो बैतूल और एक पांढुर्णा जिले का है। मृत बच्चों के परिजन और पूरे प्रदेश में इस हादसे को लेकर गहरा शोक और रोष व्याप्त है। अधिकारियों ने मृतकों के परिवारों को नुकसान भरपाई और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज़ करने का आश्वासन दिया है।

जांच और आगे की कार्रवाई

एसआईटी इस मामले की गहन जांच कर रही है। अब रंगनाथन से पूछताछ के बाद कोल्ड्रिफ कफ के उत्पादन और वितरण की पूरी प्रक्रिया की पड़ताल की जाएगी। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि क्या अन्य लोग या एजेंसियां इस जहरीले कफ में शामिल रही हैं। मप्र पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी जारी की है कि किसी भी बच्चे को कोल्ड्रिफ या इसी तरह के संदिग्ध सीरप का सेवन नहीं करवाया जाए। इसके साथ ही शहर-राज्य में फार्मास्युटिकल कंपनियों पर सख्त निगरानी बढ़ा दी गई है।