इंदौर BJP नेता दीपक जैन ने तमिलनाडु सरकार की लापरवाही पर साधा निशाना, MP के मासूम बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन

Indore News : मध्य प्रदेश में मासूम बच्चों की मौत का कारण बने प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ कफ सिरप पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस सिरप का निर्माण करने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को SIT ने गिरफ्तार कर लिया है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने बुधवार रात चेन्नई में दबिश देकर उसे पकड़ा। गिरफ्तारी के दौरान टीम ने कंपनी से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं।

रंगनाथन पर 20 हजार रुपए का इनाम घोषित था। वह घटना के बाद से अपनी पत्नी के साथ फरार चल रहा था। जांच के दौरान पता चला कि उसने चेन्नई-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित 2,000 वर्ग फुट के अपने अपार्टमेंट को बंद कर रखा था। वहीं, कोडम्बक्कम स्थित कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस भी बंद मिला, जिसे अधिकारियों ने सील कर दिया है।

उधर, जहरीले कफ सिरप से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। छिंदवाड़ा जिले की उमरेठ तहसील के पचधार गांव में रहने वाले 3 वर्षीय मयंक सूर्यवंशी की भी बुधवार देर रात मौत हो गई। वह 25 सितंबर से नागपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। इस घटना के बाद मृत बच्चों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है।

SIT अब फार्मा कंपनी के अन्य निदेशकों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और दवा निर्माण की पूरी प्रक्रिया की फॉरेंसिक जांच की जाएगी।

लेकिन मासूम बच्चो के साथ इतनी ज्यादती होने के बाद भी तमिलनाडु सरकार अभी तक चुप्पी साधे हुए है, जिसे लेकर इंदौर के वार्ड क्रमांक 6 के पूर्व पार्षद और भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी दीपक जैन टीनू ने तमिलनाडु सरकार की लापरवाही और चुप्पी पर सवाल खड़े कर दिये है। साथ ही उन्होंने इसके लिए एक्स पर एक पोस्ट किया और उस पोस्ट में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी टेग किया है।

भाजपा नेता दीपक जैन टीनू ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा – तमिलनाडु सरकार की लापरवाही, मध्यप्रदेश के मासूमों की मौत!

• तमिलनाडु में बनी ज़हरीली दवा ने मध्यप्रदेश के कई मासूम बच्चों की जान ले ली! ये केवल एक हादसा नहीं, बल्कि नीतिगत अपराध है!

• मुख्यमंत्री श्री @DrMohanYadav51  जी की तत्परता से मप्र ने ज़िम्मेदारी और मानवीय संवेदना का उदाहरण प्रस्तुत किया है!

• SIT गठित कर ज़हरीली दवा लिखने व बेचने वालों पर केस दर्ज हुआ, दोषियों की गिरफ़्तारियां भी हो चुकी हैं!

• मुख्यमंत्री जी ने छिंदवाड़ा पहुंचकर पीड़ित परिवारों और आज नागपुर जाकर अस्पताल में भर्ती पीड़ित बच्चों से मुलाकात की!

• जांच में लापरवाही पर तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया, ड्रग कंट्रोलर को तुरंत हटा दिया गया! ये भी तत्पर शासन की मिसाल है! लेकिन सवाल बड़ा है – तमिलनाडु सरकार चुप क्यों है? ज़हरीली दवा यहीं बनी, फिर भी अब तक एक भी FIR दर्ज क्यों नहीं की गई है?

• दवा का लाइसेंस किसने दिया, सर्टिफिकेशन किस अधिकारी ने किया? तमिलनाडु सरकार ने दोषियों पर क्या कार्रवाई की?

• औद्योगिक साल्वेंट Diethylene Glycol (DEG), ये ज़हर किस कंपनी ने सप्लाई किया और वितरण श्रृंखला का जिम्मेदार कौन है?

• कोल्ड्रिफ सिरप का कितना उत्पादन हुआ, किन राज्यों को भेजा गया? तमिलनाडु सरकार अभी तक पूरी जानकारी क्यों छुपा रही है? मध्यप्रदेश ने, अपनी ज़िम्मेदारी निभाई! देश पूछ रहा है, तमिलनाडु की, चुप्पी क्या अपराध की साझेदारी है?