करवा चौथ हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और भावनात्मक पर्व माना जाता है। यह त्योहार विवाहित महिलाओं के लिए समर्पण, प्रेम और आस्था का प्रतीक है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं। इसका अर्थ है कि महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन तक न तो अन्न ग्रहण करती हैं और न ही पानी पीती हैं। यह व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि पति-पत्नी के अटूट बंधन और विश्वास का उत्सव भी है।
इस वर्ष करवा चौथ 2025 का पर्व 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से आरंभ होकर 10 अक्टूबर की रात 7:38 बजे तक रहेगी। इसी कारण इस बार व्रत का पर्व 10 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। दिनभर महिलाएं श्रृंगार करती हैं, पूजा करती हैं और सायंकाल चंद्रदेव के दर्शन कर विधिवत व्रत खोलती हैं।
अब बात करते हैं मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय के समय (Chandroday Time) की। राजधानी भोपाल में आज रात लगभग 8 बजकर 26 मिनट पर चंद्रमा का उदय होगा। इसी समय महिलाएं छलनी से चांद का दर्शन कर अपने पति की आरती उतारेंगी और जल ग्रहण कर व्रत का पारण करेंगी। भोपाल में इस अवसर पर मंदिरों और घरों में पूजा-पाठ का सुंदर माहौल देखने को मिलेगा।
इंदौर में चांद के दर्शन का अनुमानित समय रात 8 बजकर 33 मिनट है। यहां की महिलाएं सुंदर पारंपरिक परिधान पहनकर छतों और आंगनों में एकत्र होंगी। इस दौरान आसमान में चमकते चांद के साथ करवाचौथ का दृश्य बेहद रोमांचक होगा। इंदौर में इस पर्व को लेकर बाजारों में पहले से ही सजावट और खरीदारी का उत्साह देखा जा रहा है।
महाकाल की नगरी उज्जैन में चंद्र देवता के दर्शन रात 8 बजकर 15 मिनट पर होंगे। इस समय महिलाएं महाकालेश्वर मंदिर से आने वाली घंटियों की गूंज के बीच व्रत खोलेंगी। ऐसा माना जाता है कि उज्जैन में करवाचौथ पर पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
ग्वालियर में चांद निकलने का अनुमानित समय रात 7 बजकर 54 मिनट है। हालांकि मौसम की स्थिति के अनुसार इसमें कुछ मिनटों का अंतर संभव है। यहां महिलाएं अपने आंगनों में दीप जलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देंगी और पति की लंबी उम्र की मंगलकामना करेंगी।
जबलपुर में आज रात 8 बजकर 06 मिनट पर चांद का दीदार होगा। यहां की महिलाएं पारंपरिक रीति से पूजा संपन्न कर अपने व्रत का समापन करेंगी। शहर के कई मंदिरों और घाटों पर सामूहिक पूजा का आयोजन भी किया जाएगा।
इस बार करवा चौथ का पर्व एक अद्भुत संयोग लेकर आया है। शुक्रवार का दिन, शुभ मुहूर्त और साफ आसमान में चमकती चांदनी ये तीनों मिलकर इस पर्व को और भी खास बना देंगे। जब 10 अक्टूबर की रात चांद अपनी उजली किरणों से धरती को नहलाएगा, तो हर सुहागिन महिला के चेहरे पर मुस्कान और मन में संतोष का भाव झलकेगा। यह व्रत केवल उपवास नहीं, बल्कि प्रेम, त्याग और विश्वास की वह पवित्र कहानी है जो हर वर्ष करवाचौथ के चांद के साथ नई रोशनी लेकर आती है।