सिंधिया के निर्देशों से ग्वालियर में शुरू होगा बड़ा परिवर्तन, ऐतिहासिक धरोहर को नया जीवन मिलने की तैयारी

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देशों के बाद ग्वालियर में ऐतिहासिक नैरोगेज संग्रहालय को एक नए रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। जल्द ही यह जगह न केवल शहर की पहचान बनेगी बल्कि हेरिटेज पर्यटन का बड़ा आकर्षण भी बनेगी। रेलवे बोर्ड की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (हेरिटेज) आशिमा मेहरोत्रा और डिप्टी डायरेक्टर (हेरिटेज) राजेश कुमार ने गुरुवार को संग्रहालय और पुराने लोको शेड का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने विकास की संभावनाओं और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

नैरोगेज म्यूजियम बनेगा ‘हेरिटेज हब’

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि ग्वालियर का नैरोगेज संग्रहालय देश की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यह जगह न केवल रेलवे इतिहास को दर्शाती है, बल्कि मध्य भारत की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। संग्रहालय की इमारत को संरक्षित रखते हुए इसे और भव्य रूप देने की योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत वर्तमान में इस हेरिटेज बिल्डिंग में संचालित विभिन्न रेलवे कार्यालयों—जैसे एडीईएन, एडीईई और एसीएम—को अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। ऐसा करने से पूरा परिसर एक समर्पित नैरोगेज म्यूजियम के रूप में विकसित हो सकेगा, जहां आगंतुक रेलवे के स्वर्णिम इतिहास को करीब से महसूस कर सकेंगे।

सिंधिया के विज़न पर आगे बढ़ता प्रोजेक्ट

यह पूरा प्रयास केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के उस विज़न का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने अफसरों को ग्वालियर के नैरोगेज संग्रहालय को नागपुर नैरोगेज संग्रहालय की तर्ज पर विकसित करने के निर्देश दिए थे। सिंधिया का उद्देश्य है कि ग्वालियर अपने ऐतिहासिक गौरव को आधुनिक सुविधाओं के साथ दुनिया के सामने पेश करे। उनके निर्देशों के बाद रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा नेता सुधीर गुप्ता ने भी रेलवे बोर्ड को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें इस संग्रहालय को हेरिटेज टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की मांग की गई थी।

अफसरों को मिले अहम निर्देश

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को कई प्रमुख दिशा-निर्देश दिए गए। सबसे पहले, संग्रहालय के विस्तार की योजना बनाई गई है। हेरिटेज बिल्डिंग के आसपास मौजूद पुराने और जर्जर क्वार्टरों को हटाकर संग्रहालय परिसर को और विस्तृत किया जाएगा। इससे यहां और अधिक प्रदर्शनी स्थल, इंटरैक्टिव जोन और आगंतुकों के लिए आरामदायक क्षेत्र बनाए जा सकेंगे। साथ ही, इस जगह को आधुनिक रूप देने के लिए बच्चों के लिए टॉय ट्रेन, डिजिटल स्क्रीन, ऑडियो-विजुअल डिस्प्ले, रेलवे इतिहास की फोटो गैलरी, और एक आकर्षक कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन सबके जरिए यह स्थान परिवारों और पर्यटकों के लिए मनोरंजन और ज्ञान दोनों का केंद्र बन जाएगा।

नई ट्रेनें और रूट विस्तार

निरीक्षण के दौरान यह सुझाव भी सामने आया कि ग्वालियर से भोपाल के बीच इंटरसिटी ट्रेन की शुरुआत की जाए और संपर्क क्रांति समेत अन्य प्रमुख ट्रेनों का स्टॉपेज ग्वालियर में किया जाए, जिससे यात्रियों की सुविधा बढ़े। इसके अलावा, ग्वालियर-इटावा रूट पर भी नई ट्रेन शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। यह कदम क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा और स्थानीय व्यापार व पर्यटन को बढ़ावा देगा।

अफसरों की मौजूदगी में तय हुई दिशा

इस निरीक्षण में प्रयागराज से आए मुख्य चल शक्ति अभियंता आरडी मौर्य, एडीआरएम नंदीश शुक्ला, सीडब्लूएम शिवाजी कदम, सीनियर डीएमई गौरव यादव, एडीईएन अजीत मिश्रा और स्टेशन डायरेक्टर वीके भारद्वाज सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। सभी ने संयुक्त रूप से इस बात पर सहमति जताई कि ग्वालियर का नैरोगेज संग्रहालय आने वाले समय में देश के प्रमुख हेरिटेज आकर्षणों में से एक बनेगा। यह कदम न केवल शहर की ऐतिहासिक पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि पर्यटन, स्थानीय रोजगार और सांस्कृतिक गौरव के क्षेत्र में भी ग्वालियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।