Seoni News : मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में 1.45 करोड़ रुपये की लूटकांड मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस विभाग ने जांच के बाद एसडीओपी (सीएसपी) पूजा पांडे को निलंबित कर दिया है। इससे पहले जबलपुर रेंज आईजी प्रमोद वर्मा ने चैकिंग दल में शामिल नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था। अब तक कुल 10 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
जानकारी के अनुसार, 8 अक्टूबर की रात सीलादेही फोरलेन पर चैकिंग के दौरान एक जीप (एमएच 13 ईके 3430) को रोका गया था। वाहन में महाराष्ट्र के जालना जिले के सोना-चांदी व्यापारी सोहनलाल परमार के 1.45 करोड़ रुपये रखे थे। वाहन के ड्राइवर और सहयोगी कटनी से जालना जा रहे थे। बताया जाता है कि चैकिंग के दौरान पुलिसकर्मियों ने वाहन से रकम जब्त की, लेकिन न तो विधिवत जब्ती बनाई गई और न ही इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।
सूत्रों के अनुसार, रकम मिलने के बाद पुलिसकर्मियों ने ड्राइवर और उसके साथी से मारपीट कर उन्हें भगा दिया और पूरी राशि अपने कब्जे में रख ली। अगले दिन सुबह तक यह मामला दबाने का प्रयास किया गया। जब व्यापारी और उसके सहयोगी सिवनी कोतवाली पहुंचे तो उन्हें एसडीओपी कार्यालय बुलाकर प्रकरण को रफा-दफा करने की कोशिश की गई।
मामले की जानकारी जबलपुर और भोपाल के उच्च अधिकारियों तक पहुंचते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। जबलपुर रेंज आईजी प्रमोद वर्मा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नौ पुलिसकर्मियों — जिनमें बंडोल थाना प्रभारी और उपनिरीक्षक अर्पित भैरम शामिल हैं — को निलंबित किया। इसके बाद 10 अक्टूबर को डीजीपी कैलाश मकवाना ने एसडीओपी पूजा पांडे को भी निलंबित कर पुलिस मुख्यालय भोपाल अटैच कर दिया।
सूत्रो के मुताबिक पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता ने बताया कि जब्त की गई रकम की वैधता और वास्तविक स्वामित्व की जांच की जा रही है। फरियादी ने अपनी शिकायत में कुल 2 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपये होने का उल्लेख किया है। मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जबलपुर एएसपी आयुष गुप्ता को सिवनी भेजा गया है। उन्हें तीन दिनों में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
यह प्रकरण पुलिस की छवि पर गंभीर सवाल खड़े करता है, और विभाग अब इसे पूरी पारदर्शिता से जांचने का दावा कर रहा है।