मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर अब डेयरी उत्पादन के क्षेत्र में भी नई पहचान बनाने जा रही है। यहां रोज़ाना 30 हजार किलोग्राम दूध पाउडर तैयार किया जाएगा। यह संभव हो पाया है भारत सरकार और इंदौर दुग्ध संघ के संयुक्त सहयोग से स्थापित नए 30 मैट्रिक टन क्षमता वाले दूध पाउडर संयंत्र के जरिए। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से इस प्लांट का वर्चुअल शुभारंभ किया।
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से “अन्नदाताओं का सम्मान, समृद्ध राष्ट्र का निर्माण” कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के सहकारी संघों को पैक्स (Primary Agricultural Credit Society) से जोड़ने की ऐतिहासिक पहल की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल के तहत इंदौर और ग्वालियर दुग्ध संघों को भी जोड़ने की प्रक्रिया को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह किसानों और दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव बोले – यह आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में मील का पत्थर
इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का वर्चुअल संबोधन सुना और प्रदेश को मिली इस सौगात के लिए आभार जताया। इस मौके पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पशुपालन व डेयरी विभाग के राज्यमंत्री लखन पटेल, विधायक मधु वर्मा, रमेश मेंदोला, मनोज पटेल, संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, कलेक्टर शिवम वर्मा, और मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ के प्रबंध संचालक डॉ. संजय गोवानी मौजूद रहे। सीएम यादव ने कहा कि इंदौर का यह संयंत्र न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में सहकारिता के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करेगा। इससे हजारों दुग्ध उत्पादकों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा और प्रदेश की डेयरी इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
76 करोड़ की लागत से बना प्रदेश का सबसे बड़ा डेयरी संयंत्र
यह नया दूध पाउडर संयंत्र करीब 76.50 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर सहकारी दुग्ध संघ परिसर में स्थापित किया गया है। इसे प्रदेश के सहकारी संस्थान क्षेत्र का सबसे बड़ा दुग्ध पाउडर निर्माण केंद्र माना जा रहा है। अभी तक इंदौर दुग्ध संघ में प्रतिदिन लगभग 10 टन दूध पाउडर का उत्पादन पारंपरिक (मैन्युअल) पद्धति से किया जाता था। लेकिन इस अत्याधुनिक संयंत्र के शुरू हो जाने के बाद हर दिन लगभग 4 लाख लीटर दूध से 30 टन दूध पाउडर तैयार किया जाएगा। इससे न सिर्फ उत्पादन क्षमता तीन गुना से अधिक बढ़ेगी, बल्कि गुणवत्ता में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का सुधार होगा।
तैयार होगा एक्सपोर्ट क्वालिटी दूध पाउडर, बढ़ेगी प्रदेश की आय
इस नए संयंत्र में तैयार होने वाला दूध पाउडर एक्सपोर्ट क्वालिटी का होगा, यानी यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निर्मित किया जाएगा। इस संयंत्र में प्रदेश के अन्य सहकारी दुग्ध संघों से आने वाले अतिरिक्त दूध का भी उपयोग किया जाएगा, जिसे पहले व्यर्थ जाना पड़ता था। अब उससे उच्च गुणवत्ता का दूध चूर्ण तैयार कर देश-विदेश में निर्यात किया जा सकेगा। इससे न केवल दुग्ध संघों की आय बढ़ेगी, बल्कि किसानों और दूध उत्पादकों को भी उचित मूल्य प्राप्त होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इस संयंत्र से हर साल करोड़ों रुपये की अतिरिक्त आमदनी संभव है, जिससे प्रदेश की सहकारिता व्यवस्था और अधिक मजबूत बनेगी।
इंदौर से पूरे प्रदेश को डेयरी विकास की नई दिशा
नया दूध पाउडर संयंत्र शुरू होने के बाद इंदौर न केवल मध्यप्रदेश बल्कि देश के प्रमुख डेयरी हब के रूप में उभर सकता है। यहां से बनने वाला दूध पाउडर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भेजा जाएगा और अतिरिक्त उत्पादन निर्यात के लिए भी उपयोग होगा। इस परियोजना से दुग्ध उत्पादक किसानों को स्थायी बाजार, स्थानीय युवाओं को रोजगार और प्रदेश को आर्थिक मजबूती मिलेगी। यह पहल वास्तव में “अन्नदाता से उद्योगपति बनने” की दिशा में सरकार की दूरदर्शी सोच का उदाहरण है।