उत्तर भारत में ठंड की दस्तक, दिल्ली में लुढ़का पारा

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से मौसम में अचानक बदलाव देखा गया है। हवा में नमी बढ़ी है और तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले हफ्ते हुई बारिश ने इस बदलाव को और तेज किया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल दिल्ली समेत पूरे देश में ठंड समय से पहले दस्तक दे सकती है। इसी तरह, श्रीनगर में समय से पहले हुई बर्फबारी और जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में मध्यम बारिश ने भी वातावरण को ठंडा किया है।

हिमाचल और पंजाब में तापमान में गिरावट

हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में पूरे हफ्ते बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। राज्य के निचले इलाकों में भी बारिश हुई, जिससे ठंडक बढ़ी। इसका सीधा असर हिमाचल और पंजाब में देखा गया, जहां तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई। मौसम में इस तरह के बदलावों के कारण अब माना जा रहा है कि इस वर्ष ठंड सामान्य से पहले शुरू हो सकती है।

ला नीना की भूमिका

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार के अचानक बदलाव के पीछे ला नीना स्थितियों का हाथ है। मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान में गिरावट से यह विकसित हुई है। ला नीना भारत सहित विश्व के कई हिस्सों में मौसम को प्रभावित करती है। इसके प्रभाव से हवाएं तेज होती हैं, बारिश बढ़ती है और तापमान में गिरावट आती है।

IMD का अनुमान: दिल्ली में कड़ाके की ठंड

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि ला नीना के प्रभाव से उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। पहाड़ी इलाकों में शीतलहर और बर्फबारी भी अधिक हो सकती है। अक्टूबर माह में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। औसतन 75.4 मिमी वर्षा में लगभग 115 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान लगाया गया है।

ला नीना क्या है?

ला नीना एक प्राकृतिक जलवायु घटना है, जो प्रशांत महासागर में समुद्र के तापमान में गिरावट के कारण होती है। यह ENSO (El Niño Southern Oscillation) चक्र का हिस्सा है, जिसमें तीन चरण आते हैं — गर्म (एल नीनो), ठंडा (ला नीना), और न्यूट्रल। ला नीना के दौरान पश्चिमी प्रशांत महासागर की ओर हवाएं अधिक तेजी से पानी धकेलती हैं, जिससे वहां गर्मी बढ़ती है। इसका असर दुनिया के पूर्वी हिस्सों, खासकर भारत, में ठंड और बारिश में वृद्धि के रूप में दिखाई देता है।