कभी सीमित अवसरों के कारण युवाओं के पलायन के लिए पहचाने जाने वाला नीमच जिला अब अपनी नई पहचान गढ़ रहा है। यह क्षेत्र अब रोजगार और औद्योगिक विकास का केंद्र बनता जा रहा है। जिले का झांझरवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र (Jhanjharwada Industrial Area) बड़े पैमाने पर निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। यहां तेजी से विकसित हो रहे टेक्सटाइल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने स्थानीय युवाओं के लिए हजारों रोजगार के द्वार खोले हैं। कपड़ा और परिधान उद्योग की बढ़ती गतिविधियों ने नीमच को प्रदेश के नए औद्योगिक मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित किया है।
टेक्सटाइल उद्योग में बड़े निवेश की तैयारी, 2,500 युवाओं को मिलेगा रोजगार
झांझरवाड़ा में इस समय टेक्सटाइल उद्योगों के बड़े निवेश के प्रस्तावों पर तेजी से काम हो रहा है। इसके अलावा, ग्राम मोरवन में भी एक विशाल टेक्सटाइल इंडस्ट्री प्रस्तावित है। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, यहां 600 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है, जिससे लगभग 2,500 युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा। यह निवेश न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार की स्थिति को सशक्त करेगा, बल्कि महिला कार्यबल की भागीदारी भी बढ़ाएगा। तेजी से बढ़ता यह उद्योग क्षेत्र नीमच को टेक्सटाइल हब के रूप में पहचान दिलाने की दिशा में आगे बढ़ा रहा है।
बुनियादी सुविधाओं का हो रहा विस्तार, उद्योगों को मिल रही है मजबूत आधारशिला
उद्योगों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने के उद्देश्य से झांझरवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी और संचार जैसी बुनियादी जरूरतों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यहां कुल 451.148 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक निवेश के लिए चिन्हित की गई है, जिनमें से 135.34 हेक्टेयर भूमि प्रमुख सड़कों के नजदीक स्थित है और पूर्ण रूप से जल व विद्युत सुविधाओं से लैस है। सरकार की नीति है कि हर निवेशक को ऐसा वातावरण मिले, जिससे वे बिना रुकावट के उत्पादन शुरू कर सकें। यही कारण है कि अब इस क्षेत्र में निवेशक बिना हिचकिचाहट के नए प्रोजेक्ट ला रहे हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा बल मिला है।
झांझरवाड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में बढ़ती औद्योगिक हलचल, 20,000 से अधिक रोजगार की संभावना
फिलहाल झांझरवाड़ा में कुल 193 भूखंडों में से 157 का आवंटन किया जा चुका है। इनमें से 22 उद्योग पहले से संचालन में हैं और इनसे 5,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिल चुका है। आने वाले समय में 171 नए उद्योग स्थापित होने की योजना है, जिससे 20,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार मिलने का अनुमान है। यह विकास सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अहम है। स्थानीय युवाओं को अब बड़े शहरों की ओर पलायन करने की जरूरत नहीं है। रोजगार के अवसर अब उनके अपने जिले में ही उपलब्ध हो रहे हैं। मंत्री चेतन्य काश्यप के अनुसार, यह औद्योगिक विस्तार नीमच को मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम है।
निवेश और रोजगार के आंकड़ों पर एक नज़र
नीमच में अब तक कुल 22 उद्योग स्थापित हो चुके हैं, जिनमें 6,147 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज हुआ है। इन उद्योगों से लगभग 4,543 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। इसके अलावा, भविष्य में आने वाले प्रस्तावित उद्योगों से हजारों नए अवसर पैदा होंगे।
🔹 कुल भूखंड – 193
🔹 आवंटित भूखंड – 157
🔹 स्थापित उद्योग – 22
🔹 निवेश – ₹6,147 करोड़
🔹 वर्तमान रोजगार – 4,543 युवा
🔹 प्रस्तावित उद्योग – 171
🔹 संभावित रोजगार – 20,000+
🔹 औद्योगिक भूमि – 451.145 हेक्टेयर
बड़ी कंपनियों के निवेश से बढ़ी रौनक, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिली नई दिशा
नीमच में अब कई नामी कंपनियां निवेश कर रही हैं —
• गोल्डकस्ट सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने ₹3,400 करोड़ का निवेश किया है, जिससे लगभग 1,700 लोगों को रोजगार मिल रहा है।
• स्वराज सूटिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने ₹400 करोड़ का निवेश किया है और यहां 400 स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला है। अगले चरण में यह कंपनी 300 और युवाओं को रोजगार देने की योजना में है।
• विश्वेश्वरैया डेनिम प्राइवेट लिमिटेड ₹135 करोड़ का निवेश कर 500 लोगों को रोजगार दे रही है।
• वहीं धानुका बायोटेक द्वारा ₹300 करोड़ के एथेनॉल प्लांट में 200 स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है।
इन उद्योगों की मौजूदगी से नीमच की औद्योगिक गतिविधियों में जबरदस्त तेजी आई है। स्थानीय स्तर पर परिवहन, आवास, और छोटे व्यवसायों को भी इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।
भविष्य की दिशा – आत्मनिर्भर नीमच की ओर कदम
नीमच का औद्योगिक विस्तार केवल निवेश का आंकड़ा नहीं, बल्कि यह आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के विजन की ओर एक बड़ा कदम है। अब यहां का युवा अपने जिले में ही रोजगार पा रहा है, स्थानीय उत्पादों को देशभर में पहचान मिल रही है और उद्योगों के कारण छोटे कस्बों की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है। आने वाले वर्षों में नीमच न केवल प्रदेश का औद्योगिक केंद्र बनेगा, बल्कि ग्रामीण उद्योगों और तकनीकी विकास का भी अग्रणी जिला साबित होगा।