राष्ट्रपति के सामने अपनी काबिलियत बताएगी झाबुआ कलेक्टर मीणा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 16 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित विशेष समारोह में इंदौर संभाग के पांच जिलों बड़वानी, धार, खंडवा, झाबुआ और बुरहानपुर को सम्मानित करेंगी। यह सम्मान आदि कर्मयोगी अभियान में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाएगा।

संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े के कुशल निर्देशन में इंदौर संभाग ने इस अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है, जिससे मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।

झाबुआ को राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुति का अवसर

इस समारोह में विशेष रूप से झाबुआ कलेक्टर श्रीमती नेहा मीणा को राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुति देने का अवसर प्राप्त हुआ है। वे अपने जिले में चल रहे आदि कर्मयोगी अभियान और आदि कर्मयोगी पर्व की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत करेंगी। उनकी इस उपलब्धि के पीछे झाबुआ जिले में की गई अभिनव योजनाएँ और ग्राम स्तर पर जनजातीय उत्थान की पहल प्रमुख रही है।

3373 गांवों की कार्ययोजना — विकास का नया मॉडल

जनजातीय विभाग के डिप्टी कमिश्नर ब्रजेश पांडे के अनुसार, इंदौर संभाग में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चले आदि कर्मयोगी पर्व के दौरान कुल 3373 जनजातीय गांवों का चयन किया गया। इन सभी गांवों की कार्ययोजना समयबद्ध तरीके से तैयार की गई है और पोर्टल पर एंट्री पूरी की जा चुकी है।

इस दौरान गांवों में तहसील और ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण, आदि सेवा केंद्रों की स्थापना और ग्राम सर्वेक्षण के माध्यम से विकास रूपरेखा तैयार की गई। इस कार्यप्रणाली ने इंदौर संभाग को देशभर में एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित किया है।

बुरहानपुर जिले की विशिष्ट पहचान

बुरहानपुर जिला भी राष्ट्रपति सम्मान के लिए चयनित हुआ है। इसे “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए चुना गया है। बुरहानपुर ने ग्रामीण विकास, शिक्षा और जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है।

झाबुआ में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में नवाचार

झाबुआ जिले ने स्वास्थ्य और पोषण सुधार के क्षेत्र में “मोटी आयी” परियोजना के माध्यम से अनूठा कार्य किया है। इस योजना ने जनजातीय महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में उल्लेखनीय सुधार किया है।

कलेक्टर नेहा मीणा ने इस नवाचार को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया, जिसे अब वे राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करेंगी। झाबुआ जिले में 651 गांवों की कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसमें स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और आधारभूत सुविधाओं से जुड़े विकास प्रस्ताव शामिल हैं।

इंदौर संभाग — जनजातीय विकास का अग्रदूत

आदि कर्मयोगी अभियान के तहत इंदौर संभाग आज जनजातीय विकास के क्षेत्र में देश के अग्रणी संभागों में गिना जा रहा है। संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े के नेतृत्व में यह संभाग न केवल प्रशासनिक दक्षता का उदाहरण बना है, बल्कि ग्राम स्तर पर योजनाओं की सटीक क्रियान्वयन प्रणाली भी स्थापित की है। आगामी समय में यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बनेगा।