पटना एयरपोर्ट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट, टिकट बंटवारे पर फूटा गुस्सा

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। बुधवार को पटना एयरपोर्ट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दो गुटों में जबरदस्त मारपीट हो गई। मामला उस समय गरमा गया, जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान दिल्ली से पटना पहुंचे।

जैसे ही तीनों नेता एयरपोर्ट से बाहर निकले, कार्यकर्ताओं का एक समूह उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगा। विरोध इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई तक पहुंच गई और मौके पर अफरातफरी मच गई।

विक्रम विधानसभा सीट को लेकर मचा बवाल

विवाद की जड़ विक्रम विधानसभा सीट बताई जा रही है। नाराज कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह सीट 5 करोड़ रुपये में बेची गई है। उनका कहना था कि पार्टी नेतृत्व ने संगठन की मेहनत को दरकिनार कर धनबल के आगे झुकने का काम किया है। विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष और बिहार प्रभारी पर सीधे भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जब नेताओं ने उन्हें समझाने की कोशिश की, तो दोनों पक्षों में तीखी बहस के बाद मारपीट शुरू हो गई।

अफरातफरी में टूटे वाहन और बचकर निकले नेता

स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कांग्रेस नेताओं की सुरक्षा को लेकर हंगामा मच गया। मौके पर मौजूद समर्थकों ने विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई। इस दौरान शकील अहमद खान की गाड़ी का साइड मिरर टूट गया। बढ़ते तनाव को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों और कुछ वरिष्ठ नेताओं ने तीनों नेताओं को किसी तरह वहां से सुरक्षित बाहर निकाला। घटना के दौरान एयरपोर्ट परिसर में भारी अव्यवस्था का माहौल रहा।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं के आरोपों से बढ़ी पार्टी की मुश्किलें

पटना एयरपोर्ट पर हुए इस बवाल के कई वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। इनमें नाराज कार्यकर्ता खुलेआम आरोप लगाते दिख रहे हैं कि “विक्रम सीट 5 करोड़ में बेची गई है।” वीडियो में नारेबाजी, धक्का-मुक्की और मारपीट के दृश्य साफ दिखाई दे रहे हैं। इस घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस नेतृत्व की अंदरूनी स्थिति एक बार फिर उजागर हो गई है।

एकजुटता के दावों के बीच बढ़ी गुटबाजी

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं द्वारा एकजुटता और मजबूत संगठन की बात की जा रही थी, लेकिन पटना एयरपोर्ट की यह घटना पार्टी की अंतर्विरोधी हकीकत को उजागर करती है। टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं में बढ़ते असंतोष से यह साफ है कि कांग्रेस को अपने ही घर में समझौते और अनुशासन की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

अब देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान इस पूरे विवाद पर क्या कदम उठाता है और क्या पार्टी अंदरूनी मतभेदों को सुलझाकर आगामी चुनाव में एकजुट होकर उतर पाएगी।