अहमदाबाद पर टिकीं निगाहें, कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 के लिए भारत को मिल सकता हैं मौका

भारत ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में अपनी दावेदारी को मजबूत कर दिया है। कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी को लेकर भारत सरकार ने अहमदाबाद को संभावित आयोजन स्थल के रूप में चुना है। इस निर्णय को लेकर अब भारत को आधिकारिक रूप से कॉमनवेल्थ एसोसिएशन से नीलामी प्रक्रिया (बिडिंग) में भाग लेने की मंजूरी मिल गई है। इस बात की जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की।

भारत को मिली कॉमनवेल्थ बिडिंग की मंजूरी

15 अक्टूबर 2025 को कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने भारत को आधिकारिक रूप से बिडिंग प्रोसेस में शामिल किए जाने की घोषणा की। भारत ने इस आयोजन के लिए अहमदाबाद का नाम आगे बढ़ाया है, जो देश के सबसे आधुनिक और खेल-प्रेमी शहरों में से एक माना जाता है। हालांकि, 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की अंतिम मेजबानी का निर्णय 26 नवंबर 2025 को ग्लासगो में होने वाली जनरल एसेंबली की बैठक में लिया जाएगा। उसी दिन तय होगा कि इन प्रतिष्ठित खेलों की मेजबानी किस देश को मिलेगी।

अहमदाबाद के सामने नाइजीरिया की चुनौती

मेजबानी की दौड़ में भारत के साथ अफ्रीका का नाइजीरिया भी शामिल है। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. डोनाल्ड रुकारे ने कहा कि भारत और नाइजीरिया दोनों ने अपने प्रस्तावों में शानदार दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बिडिंग दस्तावेज प्रेरणादायक हैं और अंतिम निर्णय जनरल एसेंबली की बैठक में ही लिया जाएगा।

पी. टी. ऊषा ने जताई खुशी

भारतीय कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन की अध्यक्ष पी. टी. ऊषा ने इस अवसर पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी का मौका मिलता है, तो यह हमारे लिए गर्व और सम्मान की बात होगी। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में शताब्दी कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन न केवल भारत की विश्वस्तरीय खेल क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा, बल्कि यह विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी होगा।

विकसित भारत की दिशा में खेलों की भूमिका

कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी भारत के लिए सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि देश की वैश्विक पहचान और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का प्रतीक होगी। अहमदाबाद में बनने वाले अत्याधुनिक स्टेडियम और खेल सुविधाएं भविष्य में भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल हब के रूप में स्थापित कर सकती हैं। यदि भारत इस बोली को जीत जाता है, तो यह देश के स्पोर्ट्स सेक्टर के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि साबित होगी।