सीएम भूपेंद्र पटेल को छोड़कर पूरे मंत्रिमंडल ने थामा इस्तीफे का रास्ता, जानिए कैबिनेट फेरबदल के पीछे की असली वजह

गुजरात की सियासत में इस वक्त बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर राज्य के सभी मंत्रियों ने अचानक इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि यह कदम आगामी कैबिनेट फेरबदल की तैयारी के तहत उठाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा आलाकमान के निर्देश पर यह पूरा घटनाक्रम योजनाबद्ध तरीके से किया गया है, ताकि आने वाले विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सरकार में नए चेहरों को शामिल कर संगठन में नई ऊर्जा भरी जा सके।

गांधीनगर में राजनीतिक हलचल तेज

कैबिनेट विस्तार की खबर सामने आने के बाद से गुजरात भाजपा में लगातार बैठकों का दौर जारी है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव सुनील बंसल गांधीनगर पहुंच चुके हैं और उन्होंने प्रदेश संगठन महासचिव रत्नाकर के साथ लंबी बैठक की है। इस बैठक में नए मंत्रिमंडल की संभावित सूची और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व पर विस्तार से चर्चा हुई। वहीं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, जो बीते दिनों मुंबई दौरे पर थे, अब गांधीनगर लौट आए हैं। राज्य के अधिकांश विधायक भी विधायक निवास में मौजूद हैं और लगातार पार्टी नेतृत्व से संपर्क में हैं। माहौल पूरी तरह राजनीतिक सरगर्मी से भरा हुआ है।

रात में सीएम हाउस में होगी अहम बैठक

शुक्रवार की रात मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने गांधीनगर स्थित आवास पर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक बुलाई है। इस बैठक में मौजूदा मंत्री, भाजपा संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी और कुछ प्रमुख विधायक शामिल होंगे। चर्चा का मुख्य एजेंडा नए मंत्रिमंडल का गठन और उसकी संभावित संरचना होगी। सूत्रों के मुताबिक, इस बार मंत्रिमंडल में भाजपा अपने ज्यादा से ज्यादा विधायकों को मौका देने की तैयारी में है। पार्टी का इरादा है कि संगठन से जुड़े सक्रिय चेहरों और जनता के बीच लोकप्रिय विधायकों को सरकार में जिम्मेदारी दी जाए। साथ ही, कांग्रेस से भाजपा में आए 2-3 विधायकों को भी मंत्री पद मिलने की संभावना जताई जा रही है।

नए चेहरों और क्षेत्रीय संतुलन पर फोकस

भाजपा हाईकमान आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव और स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस फेरबदल को नई रणनीति के रूप में देख रहा है। पार्टी की योजना है कि मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को मजबूत किया जाए ताकि राज्य के हर हिस्से में भाजपा की राजनीतिक पकड़ और गहरी हो। नए मंत्रियों का चयन इस तरह किया जा रहा है कि वे न केवल प्रशासनिक रूप से सक्षम हों, बल्कि संगठन को भी मजबूत करने में भूमिका निभा सकें। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फेरबदल भाजपा के लिए “नए समीकरण और नई ऊर्जा” का प्रतीक साबित होगा।

17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह

गुजरात में लंबे समय से चल रही अटकलों के बाद अब आखिरकार कैबिनेट विस्तार की तारीख तय हो गई है। शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को सुबह 11:30 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। राज्यपाल आचार्य देवव्रत नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की मौजूदगी भी रहेगी। माना जा रहा है कि समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की उपस्थिति संभव है।

क्या है भाजपा की रणनीति

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि गुजरात में भाजपा इस फेरबदल के जरिए नए जोश और ताजगी का संचार करना चाहती है। पार्टी आगामी चुनावों से पहले सरकार में “परफॉर्मेंस और पॉपुलैरिटी” के आधार पर नए चेहरों को लाकर जनता को यह संदेश देना चाहती है कि भाजपा बदलाव से नहीं डरती, बल्कि समय के साथ खुद को अपडेट करती है। संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने के लिए भी यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा चाहती है कि आने वाले दो सालों में सरकार पूरी गति से काम करे और विपक्ष को कोई राजनीतिक मौका न मिले।