कल है धनतेरस, होगी विशेष पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र, उपाय और खरीदारी का सबसे अनुकूल समय

दीपावली का पर्व धनतेरस से शुरू होता है, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। यह दिन आरोग्य, दीर्घायु और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। शास्त्रों में वर्णन है कि इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है। इसके अलावा, धनतेरस पर भगवान कुबेर और यमराज की भी आराधना का विधान है। कहा जाता है कि कुबेर की पूजा से घर में धन-संपत्ति और सौभाग्य का आगमन होता है, वहीं यमराज की पूजा परिवार को अकाल मृत्यु से बचाती है। इस तरह धनतेरस को आरोग्य और समृद्धि का प्रारंभिक पर्व कहा जाता है।

भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि

धनतेरस के दिन प्रदोष काल में भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना शुभ माना गया है। पूजा की शुरुआत दीपक जलाकर उसकी नीचे खील या चावल रखने से करें। इसके बाद कलश में शुद्ध जल भरकर भगवान को अर्पित करें और रोली, कुमकुम, हल्दी, फूल, पान, फल, मिष्ठान आदि से पूजा करें। पूजा के दौरान मंत्र “ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः” का जाप करना लाभकारी माना गया है। इसे करने से रोगों से मुक्ति, स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त होती है।

भगवान कुबेर की आराधना

धनतेरस पर धन के देवता कुबेर की पूजा भी अत्यंत फलदायी मानी जाती है। शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर यंत्र स्थापित करें, उस पर गंगाजल छिड़कें, रोली-चावल से तिलक करें, और दीपक तथा पुष्प अर्पित करें।
इस दौरान मंत्र का जाप करें—
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये। धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥”
पूजा के बाद कुबेर की आरती करें और उनसे सुख-समृद्धि और धनवृद्धि की कामना करें।

यमराज के लिए दीपदान

धनतेरस की शाम यमराज की पूजा का भी विशेष महत्व है। घर के मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अन्न की ढेरी पर चारमुखी तेल का दीपक जलाएं। यह दीपक यमराज को समर्पित माना जाता है। दीपक जलाते समय प्रार्थना करें कि वे आपके परिवार को दीर्घायु और सुरक्षा प्रदान करें तथा किसी की अकाल मृत्यु न हो।

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल धनतेरस शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को पड़ रही है। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक रहेगा। इस समय भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की आराधना करना अत्यंत मंगलकारी माना गया है।

खरीदारी का शुभ समय

18 अक्टूबर को दोपहर 12:18 बजे से लेकर अगली सुबह 6:24 बजे तक सोना, चांदी और अन्य धन-संपत्ति की वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है। इस समय खरीदी करने से आर्थिक समृद्धि बढ़ती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।

धनवर्षा पोटली का खास उपाय

धनतेरस की शाम को धनवर्षा पोटली बनाना बेहद प्रभावशाली माना गया है। इसके लिए लाल रेशमी कपड़े में एक चांदी का सिक्का, पांच कौड़ियां, हल्दी की गांठ, सुपारी, थोड़े चावल, गुलाब के सूखे फूल और थोड़ा इत्र या कपूर रखकर पोटली बनाएं। इसके बाद इसे अपने सामने रखकर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का ध्यान करें और मंत्र “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” का 11 बार जाप करें। इस पोटली को तिजोरी या धन रखने की जगह में रख दें। माना जाता है कि यह उपाय घर में धन की वृद्धि, आर्थिक बाधाओं का नाश और सालभर लक्ष्मी-कुबेर की कृपा बनाए रखता है।