इंदौर में शुक्रवार को पूर्व विधायक संजय शुक्ला को भारी झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज 140 करोड़ रुपए से अधिक के अवैध खनन मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है। शुक्ला ने इस मामले में विभागीय कार्रवाई से राहत पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने न केवल उनकी याचिका को निरस्त किया, बल्कि खनन विभाग द्वारा जारी नोटिस को भी बरकरार रखा है।
हाईकोर्ट ने कहा – जांच और नोटिस वैध
मामले से जुड़ी जानकारी के अनुसार, खनन विभाग ने वर्ष 2024 में संजय शुक्ला पर 140 करोड़ 63 लाख रुपए के अवैध खनन का नोटिस जारी किया था। यह नोटिस विभाग द्वारा की गई जांच रिपोर्ट और स्थल निरीक्षण के आधार पर जारी हुआ था, जिसमें खनन से संबंधित कई अनियमितताएं सामने आई थीं। शुक्ला ने इस नोटिस को अदालत में चुनौती दी थी और यह दावा किया था कि विभाग की कार्रवाई राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है। हालांकि, इंदौर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विभागीय जांच और नोटिस को पूरी तरह वैध ठहराया। अदालत ने कहा कि नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में किसी तरह की कानूनी त्रुटि नहीं पाई गई है, इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।
140 करोड़ के अवैध खनन का मामला
यह मामला प्रदेश के सबसे बड़े अवैध खनन मामलों में से एक माना जा रहा है। खनन विभाग की रिपोर्ट में कहा गया था कि संजय शुक्ला से जुड़ी कुछ फर्मों और ठेकेदारों ने तय सीमा से अधिक रेत और मिट्टी का उत्खनन किया था, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। विभाग ने जांच के बाद ₹140.63 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी किया था। इस कार्रवाई के बाद शुक्ला की ओर से कहा गया था कि खनन से जुड़ी सारी गतिविधियां वैधानिक नियमों के तहत हुई थीं। उन्होंने इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताया था। लेकिन अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद यह मामला फिर चर्चा में आ गया है।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे शुक्ला
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही संजय शुक्ला ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा था। उनके पार्टी बदलने को लेकर प्रदेश की राजनीति में पहले से ही हलचल थी। कांग्रेस के दिग्गज नेता के रूप में इंदौर में उनकी पहचान रही है, और विधानसभा चुनाव 2023 में वे कांग्रेस के टिकट पर मैदान में भी उतरे थे। पार्टी परिवर्तन के बाद शुक्ला के खिलाफ चल रहे पुराने आर्थिक और खनन से जुड़े मामलों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई थीं। अब हाईकोर्ट के इस फैसले ने न केवल उनके लिए कानूनी मुश्किलें बढ़ा दी हैं, बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी उन्हें झटका दिया है।
विभाग अब करेगा वसूली की कार्रवाई
खनन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अब वे वसूली की प्रक्रिया शुरू करेंगे। विभाग इस मामले में बकाया राशि की वसूली के लिए कानूनी कदम उठाने की तैयारी में है। इसमें संपत्तियों की जब्ती या अन्य आर्थिक कार्रवाई भी शामिल हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि “अदालत ने विभाग की जांच को सही ठहराया है, इसलिए अब अगला कदम राजस्व की वसूली और जुर्माने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा।”
आगे अपील की तैयारी में संजय शुक्ला
वहीं, सूत्रों के अनुसार संजय शुक्ला की ओर से अब इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील दायर करने की संभावना जताई जा रही है। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वे इस आदेश की कानूनी समीक्षा कर रहे हैं और आगे की रणनीति पर विचार किया जा रहा है।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला शुक्ला के लिए राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। हाल के दिनों में उनके भाजपा में शामिल होने को लेकर जो सियासी समीकरण बने थे, उन पर भी इस फैसले का असर पड़ सकता है।