मध्यप्रदेश में बदला मौसम, कई हिस्सों में बढ़ी ठंडक, दक्षिणी जिलों में हो सकती है हल्की बारिश

धनतेरस के त्योहार पर जहां बाजारों में रौनक और चहल-पहल दिखाई दी, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ले ली। कई जिलों में हल्की से लेकर तेज बारिश हुई, जिससे दिनभर ठंडी हवाओं का एहसास बना रहा। राजधानी भोपाल, इंदौर और खंडवा में शनिवार को बादलों ने सूरज को ढक लिया, जबकि कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ीं। मौसम में आई इस तब्दीली से दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिससे लोगों को हल्की ठंड का अनुभव हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल दो दिनों तक आसमान साफ रहेगा, लेकिन रात का पारा लगातार नीचे जा रहा है, जिससे सर्दी धीरे-धीरे दस्तक देने लगी है।

इंदौर, भोपाल और खंडवा में बारिश से तापमान में गिरावट, भोपाल में दिनभर छाए रहे बादल

शनिवार को प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश का असर स्पष्ट रूप से दिखा। इंदौर और खंडवा में झमाझम बारिश हुई, जबकि भोपाल और बैतूल में आसमान घने बादलों से ढका रहा। राजधानी भोपाल में दिन का अधिकतम तापमान करीब 1.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। शाजापुर, धार और हरदा जिलों में भी बूंदाबांदी का सिलसिला दिनभर जारी रहा। मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही इस बार मानसून आधिकारिक रूप से विदा ले चुका है, लेकिन प्रदेश में बने स्थानीय मौसमी सिस्टम के कारण अभी भी कुछ इलाकों में फुहारें और हल्की बारिश देखने को मिल रही है। इससे हवा में नमी बढ़ी है और तापमान में गिरावट आई है।

दिन में बढ़ी धूप, लेकिन रातें होने लगीं सर्द — कई शहरों में पारा 15 डिग्री के करीब

बीते 24 घंटों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में दिलचस्प बदलाव देखने को मिला है। दिन के समय धूप के कारण अधिकतम तापमान 33 से 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि रात के समय पारा गिरकर 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे आने लगा है। इंदौर में न्यूनतम तापमान 15.5 डिग्री, भोपाल में 15.8 डिग्री, उज्जैन में 18.5 डिग्री, ग्वालियर में 18.9 डिग्री, और जबलपुर में 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा अमरकंटक, जहां पारा 13.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, छतरपुर जिले के नौगांव में भी तापमान 15 डिग्री के करीब रहा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हवा की दिशा में आए बदलाव और नमी बढ़ने के कारण रातें ठंडी होती जा रही हैं, जबकि दिन के समय हल्की गर्माहट महसूस की जा रही है। यह मौसम ठंड की शुरुआती आहट का संकेत है।

दक्षिण और मध्य जिलों में 20 से 22 अक्टूबर तक फिर बरस सकते हैं बादल

मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 20 से 22 अक्टूबर के बीच प्रदेश के दक्षिण-मध्य इलाकों में एक और बारिश का दौर देखने को मिल सकता है। इस दौरान बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और डिंडौरी जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक नया पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय होने की संभावना है, जो उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करेगा। इसका अप्रत्यक्ष असर मध्यप्रदेश के उत्तरी और पूर्वी जिलों में भी देखने को मिल सकता है। इससे ठंडी हवाएं दक्षिण की ओर बढ़ेंगी और प्रदेश में रात का तापमान और नीचे जा सकता है।

नवंबर से गहराएगी सर्दी, फरवरी तक रहेगा असर, 2010 के बाद की सबसे ठंडी सर्दी संभव

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने संकेत दिए हैं कि इस बार ठंड लंबी और तीव्र रहने वाली है। नवंबर के पहले सप्ताह से ही तापमान में गिरावट शुरू होगी और दिसंबर-जनवरी में सर्दी चरम पर होगी। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि फरवरी 2025 तक भी इसका असर महसूस किया जा सकता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार ला-नीना (La Niña) की परिस्थितियां विकसित हो रही हैं, जिसके चलते सर्दी अधिक ठंडी और नमी वाली होगी। 2010 के बाद यह पहली बार होगा जब सर्दी का असर इतना गहरा महसूस किया जाएगा। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश की संभावना भी सामान्य से अधिक रहेगी, जिससे ठंड के साथ कोहरे की स्थिति भी बन सकती है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह सर्दी रबी फसलों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन यदि ठंड बहुत अधिक बढ़ी तो पाला पड़ने की स्थिति भी बन सकती है।