इस दीपावली पर रेडीमेड वस्त्र व्यापारियों ने स्वदेशी कपड़ों को बढ़ावा देने का साहसिक कदम उठाया है। इंदौर रिटेल गारमेंट्स के व्यापारियों ने चीन और बांग्लादेश के कपड़े नहीं बेचने का निर्णय लिया, जिसे प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल आत्मनिर्भर भारत के अभियान में योगदान देता है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों की दृढ़ संकल्पशीलता और देशभक्ति का प्रतीक भी है।
स्वदेशी कपड़ों की बिक्री ने बनाई नई मिसाल
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि इस पहल का असर दीपावली के मौके पर सीधे नजर आया। स्वदेशी वस्त्रों की बिक्री ने रिकॉर्ड बनाया और ग्राहकों में उत्साह बढ़ा। जीएसटी में कमी के कारण खरीदारी और भी सुगम हुई, जिससे न केवल आम खरीदारों को फायदा हुआ, बल्कि व्यापारियों की आमदनी में भी इजाफा हुआ। यह साबित करता है कि सही दृष्टिकोण और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने से व्यापार और आर्थिक विकास दोनों संभव हैं।
इंदौर की पहचान बनी देशभर में
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर के रेडीमेड वस्त्र व्यवसायियों ने देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। इस स्वदेशी आंदोलन के माध्यम से इंदौर ने पूरे भारत के व्यापारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर खुद को साबित किया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल व्यापार की दृष्टि से, बल्कि आत्मनिर्भरता और देशभक्ति की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
व्यापारियों की मेहनत और दृढ़ संकल्प
मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस पहल के पीछे व्यापारियों का दृढ़ संकल्प और मेहनत है। स्वदेशी कपड़े बेचने के उनके निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया कि देशभक्ति और व्यापारिक विकास साथ-साथ संभव हैं। उन्होंने व्यापारियों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के कदम इंदौर को स्वदेशी वस्त्रों का हब बनाने में मदद करेंगे।
ग्राहकों और व्यापारियों दोनों को फायदा
स्वदेशी कपड़ों की बिक्री न केवल स्थानीय उद्योग को मजबूती देती है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी फायदेमंद साबित होती है। मंत्री ने कहा कि इस पहल के कारण ग्राहकों का भरोसा बढ़ा और खरीदारी का उत्साह भी देखा गया। इस प्रकार, यह निर्णय एक बड़े सामाजिक और आर्थिक लाभ का उदाहरण बन गया है।