20 अक्टूबर को दोपहर 2.57 बजे से मनेगी दीपावली, आइए जानते है पूजन का मुहूर्त

दीपावली (Diwali 2025) का त्योहार हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस साल इसकी तिथि को लेकर लोगों में थोड़ी कन्फ्यूजन बनी हुई है, तो आइए पंचांग के अनुसार लक्ष्मी पूजन के लिए सही दिन और समय क्या है? जानते हैं।

कार्तिक कृष्णपक्ष की अमावस्या 20 अक्टूबर की दोपहर 2.57 बजे से लग जाएगी। शाम 7.10 से रात 9.06 बजे तक वृष की स्थिर लग्न रहेगी। हस्त नक्षत्र का संचरण अत्यंत उत्तम है। इसमें पूजन करने से धन-धान्य की प्राप्ति होगी।

पूजन में बरतें सावधानी
पंडित के अनुसार दीपावली पर लक्ष्मी, गणेश व कुबेर के पूजन में विशेष सावधानी रखनी चाहिए। स्नान के बाद शुद्ध व सफेद वस्त्र धारण करें। इसके बाद चौकी पर लक्ष्मी, गणेश व कुबेर की मूर्ति को रखकर उसमें मौली बांधे। फिर चौकी पर छह चौमुखे व 26 छोटे घी के दीपक जलाएं। इसके बाद देवताओं को गंगाजल से स्नान कराने के बाद रोली, अक्षत, मिष्ठान, धूप, धान का लावा, मधु, सफेद मेवा, दीप आदि अर्पित करें। फिर मां लक्ष्मी का मन में आह्वान करते हुए ”लक्ष्मीश्रोत व श्रीसूक्त” का पाठ करना चाहिए।

होगी मां काली की तंत्र साधना
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कार्तिक कृष्णपक्ष की अमावस्या की मध्यरात्रि (सेामवार की आधी रात) मां काली को प्रसन्न करने के लिए महानिषा, तांत्रिक पूजा की जाएगी। मां काली के पूजन के लिए सबसे उत्तम समय रात्रि 12.58 से 3.19 बजे तक किया जा सकता है। तांत्रिक पूजन में शामिल लोगों में पूरे समय जागृत अवस्था में रहना चाहिए। अगर पूजा के दौरान झपकी भी आ जाती है तो वह खंडित हो जाती है। में तांत्रिक अनुष्ठान के माध्यम से मां को प्रसन्न किया जाता है।

पूजन मुहूर्त

शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 18 मिनट तक।

दीपावली पूजन के नियम

पूजा से पहले पूरे घर की साफ-सफाई करें, विशेषकर पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।

पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की नई प्रतिमा स्थापित करें।

ध्यान रहे कि गणेश जी लक्ष्मी जी के दाईं ओर हों।

चावल या गेहूं के ऊपर एक मिट्टी या तांबे का कलश स्थापित करें।

पूजा से पहले घर के मुख्य द्वार पर और आंगन में दीये जलाएं।

इस दिन अखंड दीपक जलाना शुभ होता है।

पूजा के समय साफ और नए वस्त्र पहनें।

काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।

शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजा करें।

अंत में आरती करके पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।

दीपावली पूजन सामग्री

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा।

चौकी।

5 या 11 दीपक ।

गणेश-लक्ष्मी जी के लिए वस्त्र, माला, कमल का फूल, आभूषण।

कलश, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, इत्र, पंचामृत, सुपारी, लौंग, इलायची।

खील, बताशे, गन्ना, सिंघाड़ा, मौसमी फल, मिठाई, पान का बीड़ा।

चांदी या पीतल का सिक्का, कौड़ी, कमलगट्टा, बही-खाता, दीये, तेल/घी, धूप, अगरबत्ती।