Chhath Puja 2025: जानें कब से आरंभ होगा सूर्य उपासना का पर्व, नहाय-खाय से लेकर अर्घ्य तक की पूरी तिथियां और शुभ मुहूर्त

सनातन परंपराओं में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीनों में गिना जाता है। यह वही महीना है जो दीपावली जैसे प्रकाश पर्व से घर-घर में खुशियाँ बिखेरता है और उसके तुरंत बाद आता है लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा। यह पर्व सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि भक्ति, अनुशासन, और प्रकृति के प्रति श्रद्धा का उत्सव है। दीपावली के समाप्त होते ही घर-घर में छठ मइया की पूजा की तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं  घाटों की सफाई, प्रसाद के लिए सामग्री जुटाना और पूजा स्थल को सजाने का सिलसिला चलता रहता है।

छठ पूजा 2025 कब से शुरू होगी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास का शुक्ल पक्ष 21 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ होकर 5 नवंबर 2025 को कार्तिक पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा। इस बार छठ पर्व की शुरुआत शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को ‘नहाय-खाय’ से होगी। यही दिन व्रती महिलाओं द्वारा व्रत की औपचारिक शुरुआत का माना जाता है। इस दिन शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है और सूर्योपासना की तैयारी प्रारंभ होती है।

छठ पूजा 2025 की चार प्रमुख तिथियाँ और उनकी विशेषता

25 अक्टूबर (शनिवार): नहाय-खाय

इस दिन व्रती महिलाएँ पवित्र स्नान कर सात्विक भोजन करती हैं। भोजन में लौकी-भात और चने की दाल का विशेष स्थान होता है। इसके बाद वे आने वाले तीन दिनों के कठिन व्रत की तैयारी करती हैं।

26 अक्टूबर (रविवार): खरना (लोहंडा)

छठ का दूसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण तैयारियों में से एक है। शाम को व्रती गुड़-चावल की खीर, रोटी और केले का प्रसाद बनाती हैं। सूर्यास्त के बाद प्रसाद ग्रहण करके वे दो दिनों का निर्जला व्रत (बिना जल के उपवास) शुरू करती हैं।

27 अक्टूबर (सोमवार): संध्या अर्घ्य

इस दिन पूरे परिवार के साथ श्रद्धालु नदी, तालाब या घाटों पर पहुंचकर डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। सूर्य देव की उपासना के साथ गीतों और लोक भजनों से वातावरण भक्ति में डूब जाता है।
शुभ मुहूर्त: शाम 5:10 बजे से 5:58 बजे तक।

28 अक्टूबर (मंगलवार): प्रातःकालीन अर्घ्य और पारण

पर्व का अंतिम दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए समर्पित होता है। व्रती महिलाएँ नदी किनारे खड़ी होकर उगते सूर्य को जल अर्पित करती हैं और परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

शुभ मुहूर्त: सुबह 5:33 बजे से 6:30 बजे तक।
इसके बाद व्रती पारण करती हैं, जिससे चार दिनों का यह कठिन व्रत पूर्ण होता है।

छठ पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

छठ पूजा सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित पर्व है। सूर्य को जीवन, ऊर्जा और सेहत का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक सूर्य देव की उपासना करता है, उसे स्वास्थ्य, संतान सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। छठ मइया को प्रकृति और मातृत्व की देवी माना जाता है, जो अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं और परिवार में शांति लाती हैं।

2025 में छठ पर्व पर विशेष ग्रह योग

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस वर्ष छठ पर्व के दौरान सूर्य, चंद्र और शुक्र की स्थिति अत्यंत शुभ संयोग बनाएगी। ऐसे में इस बार सूर्योपासना का फल कई गुना अधिक होगा। घाटों पर भक्तों की भीड़, लोक गीतों की गूंज और दीपों की रोशनी एक अद्भुत अध्यात्मिक वातावरण बनाएगी।

अक्टूबर–नवंबर 2025 के प्रमुख पर्व और तिथियाँ

• 30 अक्टूबर (गुरुवार): अक्षय नवमी
• 1 नवंबर (शनिवार): देवउठनी एकादशी
• 2 नवंबर (रविवार): तुलसी विवाह
• 5 नवंबर (बुधवार): कार्तिक पूर्णिमा और गंगा स्नान

छठ पूजा 2025 का पर्व 25 से 28 अक्टूबर तक पूरे देश में हर्ष और भक्ति भाव से मनाया जाएगा। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि परिवार, अनुशासन और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है। सूर्य की पहली किरण जब अर्घ्य के जल में झिलमिलाती है, तब हर भक्त के मन में एक ही भावना होती है आस्था की जीत और जीवन में प्रकाश का संचार।