बिहार की भाईदूज परंपरा है निराली, जहां बहने भाई को पहले देती है श्राप- फिर जीभ में चुभाती है कांटे

भैया दूज का पर्व 23 अक्टूबर को श्रद्धा से मनाया जाएगा। इस दिन बहनें भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। यम और यमुना के पूजन की परंपरा है। बहनें गोबर से आकृतियां बनाकर गोधन कूटती हैं, जो भाइयों की रक्षा का प्रतीक है। यमुना ने यमराज से वरदान मांगा था कि इस दिन तिलक करने वाले भाई को यमलोक का भय न हो।

आस्था का प्रतीक पर्व भैया दूज
भाई-बहन के स्नेह, स्नेहिल रिश्ते और आस्था का प्रतीक पर्व भैया दूज (यम द्वितीया) बुधवार 23 अक्टूबर को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व दीपावली के दो दिन बाद आता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनके दीर्घायु और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं, जबकि भाई बहनों को उपहार स्वरूप स्नेह भेंट करते हैं।

यम व यमुना के पूजन की परंपरा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन यम और यमुना के पूजन की परंपरा है, इसलिए इसे यम द्वितीया या गोधन पर्व भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को घर बुलाकर या उनके घर जाकर तिलक करती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं।

पवित्र नदियों में स्नान करने का है महत्व
इस दिन भाई-बहन का एक साथ पवित्र नदियों गंगा, सरयू या जमुना में स्नान करना शुभ माना गया है। बहनें इस अवसर पर भाई के माथे पर चंदन, काजल, दूब और हल्दी का तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं।

गोबर की आकृतियों से निभाई जाती है गोधन परंपरा
भैया दूज के दिन गोधन कूटने की धार्मिक परंपरा का विशेष महत्व है। परंपरा के अनुसार, बहनें गोबर से यम, यमी, सांप, बिच्छू, कुआं और चूल्हा जैसी आकृतियां बनाती हैं। गोबर की मानव आकृति बनाकर उस पर ईंट रखने की भी परंपरा होती है। पूजा से पहले बहनें प्रतीकात्मक रूप से भाइयों को श्राप देती हैं, ताकि उन्हें मृत्यु का भय न रहे। इसके बाद बहनें रूई की पांच फेरे की माला चढ़ाकर भाइयों की आरती उतारती हैं और अपनी जीभ में कांटा चुभोती हैं।

भाइयों को खिलाती है बजरी 
अंत में, बहनें छठ के पांच पारंपरिक गीत गाकर पूजा संपन्न करती हैं। मान्यता है कि गोधन कूटने की यह परंपरा भाइयों की लंबी उम्र और अकाल मृत्यु से रक्षा का प्रतीक है। इस दिन बहनें विशेष पकवान बनाकर भाइयों को खिलाती हैं। प्रचलित मान्यता है कि यम द्वितीया के दिन भाइयों को बजरी खिलाने से उनकी आयु लंबी होती है।