विदेशी खिलाड़ियों ने भी उड़ाई थी सुरक्षा नियमों की धज्जियां, पब में किया था डांस

इंदौर में आस्ट्रेलिया की खिलाड़ियों के साथ छेड़छाड़ के मामले में जहां अपराधी को जेल भेज दिया गया है। वहीं इंदौर को असुरक्षित बताने में खिलाड़ियों की भी लापरवाही सामने आई है। मामलें के अनुसार ऑस्ट्रेलिया टीम की कई खिलाड़ी सी-21 माल स्थित एक पब गई थीं। यहां इन्होंने पार्टी की और घंटों डांस भी किया था। अफसरों ने इसके फुटेज भी निकाले है। वहीं दक्षिण अफ्रीकी टीम की खिलाड़ी भमौरी स्थित एक पब गई थीं। यह सब पुलिस को बिना पूर्व जानकारी के हुआ।

खिलाड़ियों की सुरक्षा पर नई बहस
आईसीसी महिला विश्व कप में हिस्सा लेने आई आस्ट्रेलियाई टीम की सदस्य से छेड़छाड़ की घटना के बाद खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर नई बहस शुरू कर दी है। अब जांच में खिलाड़ियों द्वारा सुरक्षा प्रोटोकाल की अनदेखी की जानकारी भी सामने आई है। इस घटना से पहले भी कई विदेशी खिलाड़ी बिना सूचना के पार्टी करने पब और बार गई थीं। जानकारी मिलते ही आनन-फानन में पुलिसबल वहां लगाया गया।

पब और पार्टी का शौक की जानकारी पुलिस को नही दी
पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शहर में पांच अंतरराष्ट्रीय मैच खेले गए। इसके लिए शहर आईं ऑस्ट्रेलिया टीम की कई खिलाड़ी सी-21 माल स्थित एक पब गई थीं। यहां इन्होंने पार्टी की और घंटों डांस भी किया था। अफसरों ने इसके फुटेज भी निकाल लिए हैं। वहीं दक्षिण अफ्रीकी टीम की खिलाड़ी भमौरी स्थित एक पब गई थीं। यह सब पुलिस को बिना पूर्व जानकारी के हुआ। पब और पार्टी का शौक असहज घटना का कारण भी बन सकता था।

सुरक्षाकर्मियों के जानकारी के बिना जाना
उल्लेखनीय है कि इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई टीम की दो खिलाड़ियों के साथ अकील खान नाम के युवक ने छेड़छाड़ की थी। दोनों खिलाड़ी अकेले काफी पीने निकली थीं और उनके साथ कोई सुरक्षाकर्मी या पुलिस का वाहन नहीं था। घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपित को गिरफ्तार किया। क्रिकेट प्रबंधन से जुड़े जानकार बताते हैं, किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय टीम के मैच से पहले सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाती है।

हर टीम के साथ होता है सुरक्षा अधिकारी
सितारा खिलाड़ियों को लेकर प्रशंसकों का आकर्षण होता है। उन्हें देखने के लिए भीड़ इकट्ठा होने सहित कानून व्यवस्था की समस्या हो सकती है। इसलिए खिलाड़ियों और टीमों की आधिकारिक यात्रा के दौरान पुलिस और बाउंसर तैनात किए जाते हैं।

खिलाड़ियों की अनदेखी से होती है घटनाएं
मगर फिर भी खिलाड़ी पसंदीदा जगह घूमने, किसी मित्र या परिचित से मिलने अकेले निकल जाते हैं। इसके बाद असहज स्थिति निर्मित होती है। हर टीम के साथ एक सुरक्षा अधिकारी होता है। आईसीसी से भी सुरक्षा अधिकारी मैचों के दौरान आते हैं। साथ ही स्थानीय स्तर पर भी सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं।

सुरक्षाकर्मी को सुचना दिए बिना जाना, घटना को न्यौता देने जैसा
सुरक्षा अधिकारियों द्वारा टीमों से आग्रह रहता है कि कहीं जाना है तो जानकारी देकर जाएं। इंदौर में तीन घटनाक्रम से इसे समझा जा सकता है। एक में यात्रा की अनुमति दी गई जबकि दूसरे में मना कर दिया गया। तीसरे घटनाक्रम में कथित रूप से बिना सूचना के खिलाड़ी बाहर निकलीं।

विश्व कप में हिस्सा लेने आई एक टीम ने इंदौर के सराफा बाजार जाने की इच्छा जताई। उन्हें बताया गया कि यह सघन इलाका है। वहां पूरी टीम के जाने पर सुरक्षा चिंताएं होंगी। यदि कोई व्यंजन पसंद है तो वह होटल में ही उपलब्ध करा सकते हैं। इसके बाद टीम वहां नहीं गई।

ऑस्ट्रेलिया की दो खिलाड़ी बिना पुलिस पहरे के होटल से निकलीं। सूत्रों के अनुसार उन्होंने अपने सुरक्षा अधिकारी से भी चर्चा नहीं की थी और वे पहले भी वहां जा चुकी थी। इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं थी और छेड़छाड़ की घटना हो गई

जोखिम भरे स्थानों पर ना जाए खिलाड़ी

विश्व कप आयोजन से पहले भी मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) के पदाधिकारियों के साथ पुलिस और प्रशासन की बैठक हुई थी। तय हुआ था टीम जोखिम भरे स्थानों पर जाने से बचे। सभी चाहते हैं कि आप इंदौर यात्रा का आनंद लें, लेकिन सुरक्षा उपायों को भी ध्यान में रखें। अंतरराष्ट्रीय टीमों की बस के साथ दो पायलटवाहन होते हैं। होटल के बाहर, फ्लोर पर और स्टेडियम में पुलिस तैनात होती है।

जहां सुरक्षा देना संभव नहीं वहां से खिलाड़‍ियों को दूर रखा जाए
पुलिस और प्रशासन के साथ हर अंतरराष्ट्रीय मैच के पहले बैठक हुई थी। यह तय किया गया था कि प्रत्येक टीम से कहा जाए कि आप मैच के इतर कहीं भी जाने के लिए पूर्व सूचना दें। यदि यात्रा के संबंध में सुरक्षा व्यवस्था की जा सकती है तो ही आप वहां जाएं। इसका उद्देश्य यह है कि यथा संभव सुरक्षा उपलब्ध हो। यदि कोई ऐसा स्थान या क्षेत्र है, जहां सुरक्षा देना सहज नहीं है तो वहां से खिलाड़ियों को दूर रखा जाए। इसे मानना या न मानना टीम प्रबंधन और खिलाड़ियों के ऊपर है। – रोहित पंडित, एमपीसीए के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी