अब नहीं देनी होंगी कई परीक्षाएं, MP में सभी सरकारी नौकरियों के लिए होगा एक ही एग्जाम

MP के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि अब प्रदेश में सभी सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक अलग-अलग विभागों की भर्तियों के लिए अलग परीक्षाएं होती थीं, जिससे प्रक्रिया में देरी होती थी और उम्मीदवारों को रोजगार मिलने में समय लगता था। इसलिए अब यूपीएससी की तर्ज पर एकीकृत परीक्षा प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे चयन प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनेगी। मुख्यमंत्री यह घोषणा राज्य कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित दिवाली मिलन समारोह में शामिल होकर की।

MP में तीन साल में पुलिस के 20 हजार पद होंगे भरे

सीएम मोहन यादव ने बताया कि पुलिस विभाग में 20 हजार से अधिक रिक्त पदों को अगले तीन वर्षों में भरने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों और ग्रेड पे संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए एक कर्मचारी आयोग बनाया जाएगा। यह आयोग एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में कार्य करेगा और कर्मचारियों की वेतन संबंधी शिकायतों का निपटारा करेगा।

प्रमोशन नीति पर बोले सीएम – “रास्ता जल्दी निकलेगा”

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य के अधिकारी और कर्मचारियों का प्रमोशन होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सरकार इस दिशा में प्रयासरत है और कुछ तकनीकी कारणों से प्रक्रिया रुकी है, परंतु “भगवान महाकाल की कृपा से” इसका समाधान जल्द निकलेगा।

महंगाई भत्ता, एरियर और आवास की व्यवस्था पर फोकस

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता देने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर तक पांच समान किस्तों में एरियर्स का भुगतान किया गया है। साथ ही, सरकार अधिकारियों के आवास की व्यवस्था को भी तेजी से पूरा कर रही है।

इसके अतिरिक्त, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ देने की घोषणा की गई है। राज्य सरकार इन पदों पर 19,504 नई नियुक्तियां भी करने जा रही है। साथ ही, 1 जनवरी 2005 या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए नयी पेंशन योजना (NPS) से संबंधित समिति गठित की गई है।

हाउस रेंट अलाउंस और कर्मचारियों की खुशहाली पर जोर

सीएम यादव ने कहा कि कर्मचारियों की खुशी ही सरकार की ताकत है, क्योंकि वही राज्य की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाते हैं। उन्होंने बताया कि नौ साल से लंबित हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को उनकी सरकार ने मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि सेवाओं में देरी नहीं होनी चाहिए और जनता के अधिकारों का सम्मान प्राथमिकता होनी चाहिए।

कर्मचारियों ने सौंपा मांग पत्र

कार्यक्रम में राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को कर्मचारियों की विभिन्न मांगों का पत्र सौंपा। इसमें महंगाई भत्ते में वृद्धि, सेवानिवृत्ति आयु की समानता, तथा शिक्षकों की वरिष्ठता नियुक्ति दिनांक से तय करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल थीं।

प्रमोशन में आरक्षण पर असंतुष्ट हाईकोर्ट

इस बीच, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में मंगलवार को प्रमोशन में आरक्षण से जुड़ा मामला सुना गया। राज्य सरकार ने कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में आंकड़े और ऑडिट रिपोर्ट पेश की, लेकिन चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने इस रिपोर्ट पर असंतोष जताया।

कोर्ट ने निर्देश दिए कि सरकार सभी विभागों का एकीकृत चार्ट तैयार करे, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि प्रत्येक विभाग में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व कितना है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह केवल आंकड़ों का संग्रह नहीं, बल्कि नियमों पर आधारित सही गणना होनी चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को निर्धारित की गई है।