अनजान नंबर नहीं रहेंगे अनजान, अब फ़ोन आने पर नाम भी आएगा नजर

अब मोबाइल यूज़र्स को कॉल आने पर सिर्फ नंबर ही नहीं, बल्कि कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम भी दिखाई देगा। सूत्रों के मुताबिक, दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस सुविधा को लागू करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। फिलहाल, यह सुविधा एक सर्किल (टेलीकॉम ज़ोन) में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जाएगी।

विभाग ने कंपनियों से कहा है कि वे अपनी पसंद के किसी एक सर्किल में यह सर्विस एक हफ्ते के अंदर शुरू करें और करीब 60 दिन तक इसका परीक्षण करें। इस दौरान, कॉल आने पर स्क्रीन पर नंबर के साथ कॉलर का नाम भी फ्लैश होगा।

देशभर में लागू होगी सेवा, हर हफ्ते देनी होगी रिपोर्ट

सरकार की योजना है कि इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल रहने के बाद पूरे देश में यह सुविधा लागू की जाए। टेलीकॉम कंपनियों को हर हफ्ते सरकार को रिपोर्ट सौंपनी होगी, जिसमें सर्विस से जुड़ी तकनीकी या उपयोगकर्ता से संबंधित दिक्कतों की जानकारी होगी।
इन रिपोर्टों के आधार पर सरकार सेवा में सुधार और दिक्कतों के समाधान पर काम करेगी, ताकि देशभर में इसे सुचारु रूप से लागू किया जा सके।

वोडाफोन आइडिया को राहत देने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला

इसी बीच, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vi) के लिए सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला एक बड़ी राहत लेकर आया है। कंपनी पर 5,606 करोड़ रुपये के एजीआर (AGR) बकाये को लेकर जो कानूनी विवाद चल रहा था, उस पर अदालत ने सरकार को पुनर्विचार और सामंजस्य के निर्देश दिए हैं।

विश्लेषकों के मुताबिक, यह आदेश वोडाफोन आइडिया के अस्तित्व के लिए जीवनरेखा साबित हो सकता है। ब्रोकरेज फर्म सिटी (Citi) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस फैसले से कंपनी को आंशिक बकाया माफी, भुगतान की समयसीमा में बढ़ोतरी, या दोनों में से किसी एक रूप में राहत मिल सकती है। इससे कंपनी की वित्तीय स्थिरता और निवेशकों का भरोसा दोनों बढ़ेंगे।

25 हजार करोड़ रुपये की बैंक फंडिंग को मिल सकती है गति

रिपोर्ट के अनुसार, वोडाफोन आइडिया फिलहाल 25,000 करोड़ रुपये की बैंक फंडिंग जुटाने की प्रक्रिया में है, जो एजीआर विवाद के कारण अटकी हुई थी। अगर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद कंपनी को राहत मिलती है, तो यह प्रक्रिया फिर से तेजी पकड़ सकती है।

इससे न केवल कंपनी को अतिरिक्त इक्विटी जुटाने में मदद मिलेगी, बल्कि सरकार की हिस्सेदारी में भी कुछ कमी आ सकती है। साथ ही, यह राहत कंपनी के संचालन और टेलीकॉम सेक्टर की स्थिरता के लिए सकारात्मक संकेत साबित होगी।