BJP सांसद ने क्रेन ऑपरेटर को जड़ा थप्पड़, VIDEO वायरल, जानें क्या है पूरा मामला

मध्यप्रदेश के सतना जिले में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आयोजित रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया। बीजेपी सांसद गणेश सिंह ने कार्यक्रम के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके लिए नगर निगम की हाइड्रोलिक क्रेन मशीन की मदद ली गई।

लेकिन इसी दौरान मशीन में खराबी आ गई और सांसद कुछ देर के लिए हवा में ही अटक गए। इस घटना से नाराज होकर सांसद ने मौके पर मौजूद क्रेन ऑपरेटर को सबके सामने थप्पड़ मार दिया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

जानकारी के अनुसार, सांसद गणेश सिंह रन फॉर यूनिटी में शामिल होने के बाद सेमरिया चौक पहुंचे थे। यहां उन्होंने नगर निगम की हाइड्रोलिक क्रेन में सवार होकर अंबेडकर प्रतिमा पर माला चढ़ाई। उनके साथ राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी और भाजपा जिला अध्यक्ष भगवती पांडेय भी मौजूद थे। लेकिन जब वे नीचे उतर रहे थे, तभी क्रेन अचानक झटके से बीच में रुक गई। सांसद कुछ देर हवा में लटके रहे और मशीन में झटका लगने से असंतुलन की स्थिति बन गई।

घटना के बाद गुस्साए सांसद ने क्रेन ऑपरेटर गणेश कुशवाहा को बुलाया और नाराजगी जताते हुए थप्पड़ जड़ दिया। गणेश कुशवाहा नगर निगम की विद्युत शाखा में मस्टर कर्मचारी हैं। मौके पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, अधिकारियों और स्थानीय लोग मौजूद थे। किसी ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो अब वायरल है।

इस पर भाजपा नेत्री नीता सोनी ने कहा, “सांसद ने तो केवल थप्पड़ मारा है, उनके हाथ-पैर तोड़ देने चाहिए थे।” वहीं, ऑपरेटर गणेश कुशवाहा ने कहा कि हाइड्रोलिक क्रेन में अधिकतम दो लोगों की क्षमता होती है, लेकिन उस समय तीन लोग चढ़ गए थे। उन्होंने बताया कि “केबिन का वजन बढ़ने से ही मशीन में जर्क आया।” थप्पड़ की घटना को उन्होंने सहजता से लेते हुए कहा, “ऐसे मौके पर ये सब चलता है।”

उधर, कांग्रेस ने घटना की निंदा करते हुए इसे “अहंकार की पराकाष्ठा” बताया। कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरौलिया ने कहा कि – “सांसद द्वारा कर्मचारी को थप्पड़ मारना बताता है कि भाजपा नेता जनता और कर्मचारियों का सम्मान नहीं करते। यह उनकी सत्ता के दंभ और अहंकार को दर्शाता है।”

इस पूरे प्रकरण ने सतना की राजनीति में हलचल मचा दी है। वीडियो वायरल होने के बाद अब प्रशासन और भाजपा संगठन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जनता के बीच ऐसा व्यवहार करने वाले जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई कब होगी।