मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि राज्य के वैज्ञानिक अधिकारी अविनाश चंद पुरी को फोरेंसिक साइंस (Forensic Science) के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 2025 का केंद्रीय गृह मंत्री दक्षता पदक (Union Home Minister’s Medal for Excellence) प्रदान किया गया है। यह सम्मान उन अधिकारियों को दिया जाता है जो देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था और अनुसंधान से जुड़ी सेवाओं में असाधारण कार्य करते हैं।
फोरेंसिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान का सम्मान
देश की सुरक्षा व्यवस्था में केंद्रीय सुरक्षा बलों और पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इन बलों के अधिकारियों और कर्मचारियों के उत्कृष्ट कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार का गृह मंत्रालय हर वर्ष ऐसे योग्य अधिकारियों का चयन कर उन्हें यह सम्मानित पदक प्रदान करता है। इसी कड़ी में, मध्यप्रदेश पुलिस के अंतर्गत क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (R.F.S.L.) राऊ, इंदौर में पदस्थ वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी श्री अविनाश चंद पुरी को यह गौरव प्राप्त हुआ है। उन्हें यह सम्मान फोरेंसिक साइंस अनुसंधान और अपराध जांच में उनकी उत्कृष्ट और प्रभावी भूमिका के लिए दिया गया है।
डीएनए जांच और अनुसंधान में अहम भूमिका
श्री पुरी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई जटिल और गंभीर आपराधिक मामलों के समाधान में निर्णायक योगदान दिया है। डीएनए परीक्षण और अन्य फोरेंसिक विश्लेषणों के माध्यम से उन्होंने पुलिस अनुसंधान को मजबूत बनाया और अपराधियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से न केवल पुलिस जांच की विश्वसनीयता बढ़ी, बल्कि न्यायिक प्रक्रियाओं में भी सटीक वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
मध्यप्रदेश और इंदौर पुलिस के लिए गर्व का क्षण
अविनाश पुरी की इस उल्लेखनीय उपलब्धि से मध्यप्रदेश पुलिस और इंदौर पुलिस विभाग दोनों का गौरव बढ़ा है। उनके कार्यों ने यह सिद्ध कर दिया कि वैज्ञानिक अनुसंधान और पुलिस जांच के समन्वय से अपराध नियंत्रण और न्याय की दिशा में बड़ी प्रगति की जा सकती है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने दी शुभकामनाएं
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने श्री अविनाश पुरी को हार्दिक बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि श्री पुरी आगे भी इसी समर्पण और निष्ठा के साथ काम करते हुए पुलिस विभाग और प्रदेश का नाम देशभर में रोशन करते रहेंगे।
यह सम्मान न केवल एक व्यक्ति की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि मध्यप्रदेश पुलिस अब तकनीकी और वैज्ञानिक दक्षता के क्षेत्र में भी देशभर में एक नया मानक स्थापित कर रही है।