70 वां जन्मदिन मना रहे मध्यप्रदेश सहित कई राज्य, सीएम मोहन यादव ने दी प्रदेशवासियों को बधाई

आज 01 नवंबर 2025 को भारत का दिल कहा जाने वाला राज्य मध्य प्रदेश का 70वां स्थापना दिवस या यूं कहें कि, जन्मदिन है। राज्य की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस ऐतिहासिक अवसर को लेकर मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि, एमपी अब 70 साल का हो गया है। अपनी गौरवशाली विकास यात्रा का 70वां स्थापना दिवस मना रहा है।

एक्स पर पोस्ट कर सीएम ने दी बधाई
सीएम मोहन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- 1 नवंबर 1956 को गठित ये राज्य न सिर्फ भारत के हृदय में स्थित है, बल्कि देश के विकास मानचित्र पर भी अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, मध्य प्रदेश की ये 70 वर्षीय यात्रा समर्पण, संकल्प और सतत् विकास की सुखद यात्रा रही है। यह दिन हमें हमारे पूर्वजों की मेहनत, उनके जज्‍बे, जनभागीदारी से विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी एवं हम सभी की आस्था और निष्ठा की याद दिलाता है।

‘देश के दिल’ मध्य प्रदेश ने अपनी उम्र के 70 साल पूरे कर लिए हैं. 1 नवंबर को 1956 क मध्य प्रदेश की स्थापना हुई थी. प्रदेश की राजधानी भोपाल है, लेकिन ये तो आज के प्रदेश की राजधानी है. इससे पहले जब मध्य भारत था तब इंदौर और ग्वालियर 6-6 महीने की राजधानी हुआ करती थीं. आज मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के मौके पर जानिए भोपाल के प्रदेश की राजधानी बनने की रोचक कहानी.

मध्य प्रदेश की स्थापना
मध्य प्रदेश की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी. आजादी के बाद उस दिन 14 नए राज्यों का गठन हुआ था. मध्य प्रदेश की स्थापना होती ही भोपाल प्रदेश की राजधानी बनी. राज्य के गठन के दौरान राजधानी के लिए 4 महानगरों का नाम लिस्ट में शामिल था. इसमें भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर शामिल थे. चारों महानगरों ने राजधानी बनने का दावा किया था.

इंदौर और ग्वालियर थी 6-6 महीने की राजधानी
भारत की आजादी के बाद साल 1950 से 1956 तक मध्य भारत की 2 राजधानियां थीं. इनमें ग्वालियर शीतकालीन राजधानी थी और इंदौर ग्रीष्मकालीन राजधानी. दोनों 6-6 महीने के लिए मध्य भारत की राजधानी थीं. वहीं, रीवा विंध्य प्रदेश की राजधानी थी और भोपाल राज्य की राजधानी भोपाल थी. साल 1956 में इन्हीं छोटे-छोटे राज्यों को मिलाकर मध्य प्रदेश का गठन हुआ था.

भोपाल कैसे बना MP की राजधानी?
भोपाल के राजधानी बनने के संबंध में इतिहासकार बताते हैं कि मध्य भारत के मध्य में भोपाल के होने और रेलवे नेटवर्क से दिल्ली समेत छत्तीसगढ़ से सीधे जुड़े होने की स्थिति में भोपाल को राजधानी बनने का लाभ मिला. वहीं, भोपाल में अन्य शहरों की तुलना में आवासीय व्यवस्था भी बेहतर रही. साल 1956 में जब मध्य भारत में विंध्य प्रदेश और भोपाल रियासत को मिलाकर मध्य प्रदेश का गठन किया गया तो भोपाल को भौगोलिक स्थिति का लाभ मिला.
भौगोलिक रूप से भोपाल हर ओर से मध्य में था. छत्तीसगढ़ और विंध्य के अलावा ग्वालियर अंचल से भोपाल की समानांतर दूरी के साथ-साथ भौगोलिक स्थिति के कारण भोपाल को मध्य प्रदेश का राजधानी चुना गया.