MP Weather: अगले 24 घंटों में इन 10 जिलों में होगी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

MP Weather: मध्यप्रदेश में आए दिन बिन मौसम बारिश से जहां आम जन जीवन काफी ज्यादा हताश हुआ है, लेकिन वहीं अभी भी कई इलाकों में बदरी छाई हुई है। ऐसे में बादलों के मध्य गर्मी बढ़ने (Heat Increase) लगी है। मौसम विभाग (IMD Forecast) की मानें तो अभी भी कई इलाकों में तेज बरसात की आशंका बनी हुई है। आज से लेकर अगले एक दो दिन में कुछ जिलों में बूंदाबांदी के साथ बिजली और आंधी तूफ़ान का अलर्ट भी जारी किया हैं।

अभी मौजूदा समय में एक साथ कई सिस्टम एक्टिव हो गए है, जिसके असर से प्रदेश में बरसात की आशंका जताई गई है। आज शनिवार को भी भोपाल, ग्वालियर, चंबल, नर्मदापुरम, रीवा, सागर, शहडोल, जबलपुर संभाग के जिलों में बारिश होने की आशंका है। वही चंबल संभाग एवं शिवपुरी जिले में ओले गिरने का भी पूर्वानुमान जारी कर दिया गया हैं।

MP मौसम विभाग की मानें 1 जून को एक्टिव हुए नए मौसम तंत्र का प्रभाव आज शनिवार से पूरे मध्यप्रदेश में दिखाई देगा। इसके असर से 5 जून तक भोपाल, उज्जैन सहित ग्वालियर-चंबल में भारी बरसात और 40-50 Km प्रतिघंटे की गति से हवा चलने का पूर्वानुमान जारी कर दिया गया है। वही 3, 4 और 5 जून को भोपाल-उज्जैन सहित 12 जिलों में वर्षा होने का अंदेशा व्यक्त किया गया है, वही नए पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव ग्वालियर और चंबल संभाग में भी देखने को मिलेगा।

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MP मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान है कि आज भोपाल-उज्जैन संभाग में आंधी तूफ़ान के साथ बारिश होने के संकेत दिखाई दे रहे है। वही भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, नीमच, मंदसौर और रतलाम में भी मौसम ख़राब हो सकता है। वही ग्वालियर-चंबल वाले भागों में भी मामूली मानसून होने की आशंका बनी हुई है। इधर, मानसून के 20 जून तक प्रदेश में एंट्री करने की आशंका है।

मौजूदा समय में 3 मौसम प्रणाली सक्रिय है। एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू के आस हवा के ऊपरी भाग में साइक्लोन के रूप में शामिल है। उसके असर से पंजाब पर एक प्रेरित साइक्लोन बना है। वही दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक साइक्लोन घेरा बना हुआ है। इन 3 मौसम प्रणाली के सक्रिय रहने के साथ साथ हवा का रुख भी दक्षिण-पश्चिमी हो गया है। इसके अतिरिक्त वायुमंडल में नमी बढ़ने से मेघ छाने लगे हैं, बारिश का सिलसिला देखने को मिल रहा है। इससे सर्वाधिक टेंपरेचर में गिरावट आने की आशंका है।