मध्य प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। नेताओं के वर्चस्व और कद को लेकर जो मनमुटाव चल रहा है वह अब दिग्गज नेताओं की अनदेखी करने तक पहुंच गया है। राहुल गांधी ने कांग्रेस में कलह को रोकने का प्रयास किया लेकिन वह बढ़ गया है। राहुल गांधी के दवारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने का नतीजा यह नजर आ रहा है कि अब कांग्रेस अपने वरिष्ठों का सम्मान करना तक भूल गई है। ऐसा ही मनमुटाव एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में देखने को मिला।
दिग्विजय सिंह को नहीं किया आमंत्रित
इंदौर शहर कांग्रेस के बीच की खटास, तब दिखी जब शहर कांग्रेस ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में अपने वरिष्ठ नेता को आमंत्रित तक नहीं दिया।
दो बार कांग्रेस ने किया माल्यार्पण
इंदौर में हुए इस आयोजन से दिग्विजय सिंह पूरी तरह से अलग-थलग नजर आए। शहर कांग्रेस कमेटी ने सुबह सरदार पटेल प्रतिमा और इंदिरा गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था। इसके एक घंटे बाद दिग्गविजय सिंह आयोजन में शामिल हुए। इसके बाद अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और अलग से माल्यार्पण किया। बताया जा रहा है कि शहर कांग्रेस और दिग्विजय सिंह के बीच मतभेद पिछले महीने से चल रहा हैं।
भोपाल के दिग्गजों को आंख दिखा रहे चिंटू
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के समर्थक शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने सितंबर में एक बैठक में यह साफ कहा था कि भोपाल या बाहर से कोई भी नेता बिना स्थानीय संगठन को सूचना दिए इंदौर में कोई कार्यक्रम नहीं कर सकता। हालांकि उन्होंने दिग्विजय सिंह का नाम नहीं लिया था, लेकिन सभी जानते थे कि यह टिप्पणी उन्हीं की ओर इशारा थी।
दिग्विजय सिंह और शहर अध्यक्ष के बीच खटास जारी
27 सितंबर को दिग्विजय सिंह सीतलामाता बाजार पहुंचे थे, जहां उन्होंने मुस्लिम कर्मचारियों को दुकानों से हटाने के विरोध में प्रदर्शन किया था। सिंह ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष चौकसे को भी वहां बुलाया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। अगले ही दिन गांधी भवन में हुई बैठक में चौकसे ने सख्त लहजे में कहा था कि बाहर से आने वाले नेता बिना अनुमति आयोजन नहीं कर सकते। इसके बाद से दोनों के बीच दूरी बढ़ गई। कुछ कांग्रेस नेताओं ने चौकसे के खिलाफ राहुल गांधी को पत्र लिखकर शिकायत भी की थी।
चिंटू ने दी सफाई
माल्यार्पण की इस घटनाक्रम के बाद पुरी कांग्रेस में कार्यकर्ताओं के बीच ही मनमुटाव बढ़ने लगा है। गुटबाजी हावि होती जा रही है। दो बार कांग्रेस के द्वारा माल्यार्पण करने और दिग्गविजय सिंह के साथ पूरी कांग्रेस के साथ ना होने के कारण जब मामला गर्माया तो शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने सफाई देते हुए कहा कि “दिग्विजय सिंह की व्यस्तताएं थीं, इसलिए वे हमारे आयोजन में शामिल नहीं हो सके और बाद में माल्यार्पण करने पहुंचे।
चुनाव आयोग पर सवाल खड़ा कर गए दिग्गी
इंदौर में दिग्विजय सिंह ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग और भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “चुनाव आयोग देश बांटने की प्रक्रिया में शामिल हो गया है। अब नागरिकों को खुद यह प्रमाण देना पड़ रहा है कि वे भारतीय हैं या नहीं। जबकि मतदाता सूची में नाम जोड़ना आयोग की जिम्मेदारी है। भाजपा के इशारे पर संवैधानिक संस्थाएं पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रही हैं।”