प्रदेश में बारिश का सिस्टम एक्टिव, अगले तीन दिन रहेगा फुहारों का दौर, ठंडी हवाएं कल रात से बढ़ाएंगी सर्दी, जानें मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मध्यप्रदेश में बीते कुछ दिनों से सक्रिय मौसम तंत्र अब कमजोर होता नजर आ रहा है। पिछले सप्ताह जिन जिलों में लगातार बारिश हो रही थी, वहां अब बादल तो बने रहेंगे लेकिन तेज वर्षा की संभावना नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि इस समय राज्य में कोई बड़ा सिस्टम सक्रिय नहीं है, इसलिए अब बारिश का दायरा सीमित रहेगा। हालांकि, प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की-फुहारें पड़ सकती हैं। इसके साथ ही रात के तापमान में गिरावट दर्ज होने लगेगी, जिससे ठंड का असर महसूस होने की संभावना है।

तीन दिन रहेगा बादल छाए रहने का दौर

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, रविवार को इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के लगभग 10 जिलों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन सहित अन्य संभागों में पूरे दिन बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले तीन दिनों तक प्रदेश में आसमान में बादल बने रहेंगे और बीच-बीच में हल्की वर्षा या बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है।

इन जिलों में बारिश का अलर्ट

अगले 24 घंटों में जिन जिलों में हल्की बारिश की चेतावनी जारी की गई है, उनमें झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा शामिल हैं। इन इलाकों में स्थानीय हवाओं और नमी के कारण हल्की वर्षा की स्थिति बन सकती है। वहीं राजधानी भोपाल में भी शाम या देर रात को हल्की फुहारें पड़ने की संभावना जताई गई है।

एक्टिव सिस्टम अब कमजोर पड़ गया

मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि बीते तीन से चार दिनों से जो सिस्टम प्रदेश में सक्रिय था, वह अब कमजोर हो चुका है। इस वजह से अब भारी बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। फिलहाल राज्य के कई जिलों में बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की तीव्रता बहुत कम रहेगी। उन्होंने कहा कि मौसम धीरे-धीरे साफ होगा और अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम का सीमित असर

मौसम विभाग ने जानकारी दी कि इस समय अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में दो निम्न दाब क्षेत्र (Low-Pressure Area) सक्रिय हैं। हालांकि, इन प्रणालियों का सीधा प्रभाव मध्यप्रदेश में बहुत अधिक नहीं दिखेगा। इनकी वजह से कुछ दक्षिण-पश्चिमी जिलों में हल्की बारिश जरूर हो सकती है, लेकिन राज्य के बाकी हिस्सों में इन सिस्टम का असर बहुत सीमित रहेगा।

अब धीरे-धीरे बढ़ेगी ठंड

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अब बारिश का दौर कम होने के साथ ही हवा का रुख उत्तरी दिशा की ओर मुड़ने लगेगा। इससे रात के तापमान में गिरावट आएगी और सर्दी का असर धीरे-धीरे महसूस होने लगेगा। नवंबर के दूसरे सप्ताह से प्रदेश में ठंडी हवाएं और तेज होंगी, जिससे सुबह और रात के समय हल्की ठंड बढ़ सकती है। कुल मिलाकर, अब मध्यप्रदेश में बरसात के बजाय ठंड ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन ठंडी हवाओं के चलते लोगों को हल्के गर्म कपड़े पहनने की जरूरत पड़ सकती है।