राजधानी भोपाल में प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। जल्द ही कई बड़े अफसरों की पदोन्नति (Promotion) होने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सहित चार वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को सचिव बनाया जाएगा। इनमें उज्जैन संभागायुक्त आशीष सिंह, ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान और एक अन्य अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा, प्रदेशभर के लगभग 50 आईएएस अधिकारियों को भी प्रमोशन का तोहफा मिलने वाला है। इनमें अतिरिक्त सचिव से सचिव, सचिव से प्रमुख सचिव और प्रमुख सचिव से अपर मुख्य सचिव तक के पदोन्नति आदेश शामिल होंगे। सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी है, जो नवंबर और दिसंबर में पूरी होने की उम्मीद है। प्रमोशन के आदेश 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाएंगे।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भी मिलेगा प्रमोशन
आईएएस के साथ ही राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) के अधिकारियों को भी पदोन्नति का लाभ मिलेगा। लगभग 50 से 60 अधिकारियों को ऊंचा ओहदा दिया जाएगा। इनमें डिप्टी कलेक्टरों को संयुक्त कलेक्टर और संयुक्त कलेक्टरों को अपर कलेक्टर बनाया जाएगा। साथ ही इन अफसरों का ग्रेड-पे भी बढ़ाया जाएगा, जिससे उनके वेतन में सीधा फायदा होगा।
इस तरह बढ़ेगा ग्रेड-पे
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जिन डिप्टी कलेक्टरों को संयुक्त कलेक्टर बनाया जाएगा, उनका ग्रेड-पे ₹5400 से बढ़कर ₹6600 किया जाएगा। इसी तरह, संयुक्त कलेक्टरों को अपर कलेक्टर बनने पर ग्रेड-पे ₹6600 से ₹7600 होगा। वहीं, जो अधिकारी पहले से अपर कलेक्टर हैं और पदोन्नति के योग्य हैं, उनका ग्रेड-पे ₹7600 से ₹8700 तक बढ़ाया जाएगा। हालांकि इनका पदनाम (designation) नहीं बदलेगा, पर आर्थिक लाभ मिलेगा।
अभी करना होगा इंतजार
फिलहाल, कई अधिकारी SIR (Special Intensive Revision) से जुड़े कार्यों में लगे हुए हैं। यह प्रक्रिया प्रदेशभर में चल रही है, जिसमें मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम किया जा रहा है। ऐसे में जिन अफसरों का ओहदा बढ़ने वाला है, उन्हें फरवरी 2026 के अंत तक अपने वर्तमान पदों पर बने रहना पड़ सकता है। सरकार का कहना है कि जब तक मतदाता सूची का काम पूरा नहीं होता, तब तक इन अधिकारियों को नहीं हटाया जाएगा, ताकि प्रशासनिक कार्यों में रुकावट न आए।
कर्मचारियों की पदोन्नति पर अटका मामला
दूसरी ओर, राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति का मामला अभी भी न्यायालय में अटका हुआ है। पहले यह मामला सुप्रीम कोर्ट में था, लेकिन अब हाईकोर्ट में चल रहा है। सरकार ने कोर्ट के निर्देश पर अपना जवाब भी पेश कर दिया है। कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि यदि सरकार ने नए पदोन्नति नियम बनाते समय कर्मचारियों और यूनियनों से व्यापक चर्चा की होती, तो मामला अदालत तक नहीं पहुंचता। वहीं, कुछ कर्मचारी नेताओं का मानना है कि सरकार द्वारा दिए जा रहे लाभ को स्वीकार कर लेना चाहिए था, क्योंकि कई कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गए हैं।
जनवरी में दिखेगा प्रमोशन का असर
सूत्रों के अनुसार, अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो 1 जनवरी 2026 से नए प्रमोशन लागू हो जाएंगे। इससे न केवल आईएएस और एसएएस अफसरों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि शासन-प्रशासन में नई ऊर्जा भी आएगी। प्रदेश में लंबे समय से अफसरों के प्रमोशन अटके हुए थे, लेकिन अब सरकार इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है जिससे प्रशासनिक ढांचे में तेजी और स्थिरता दोनों देखने को मिलेगी।