इंदौर के सबसे पुराने और व्यस्तम ब्रिज में से एक शास्त्री ब्रिज, की एक तरफ की भूजा रविवार सुबह अचानक धंस गई। रविवार होने के कारण ब्रिज से बड़ा हादसा टल गया। गांधी प्रतिमा से शास्त्री मार्केट की ओर जाने वाली लेन पर करीब पांच फीट गहरा और छह फीट लंबा गड्ढा बनने के बाद अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही की कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

यातायात पुलिस ने लगाए बैरिकेड
शास्त्री ब्रिज पर गड्डा होने की जानकारी मिलते ही पुलिस ने स्थिति संभाली और तुरंत पुल पर पहुंच कर बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक रोक दिया। नगर निगम का अमला भी मौके पर पहुंचा और गड्ढे को मलबे से भरने का काम शुरू किया। हालांकि यह केवल एक अस्थायी समाधान था।

एतिहासिक पुल की मरम्मत को लेकर जिम्मेदार मौन
शास्त्री पुल की स्थिति को देखते हुए यहां बड़े पैमाने पर मरम्मत और संरचनात्मक जांच की सख्त जरूरत है। गौरतलब है कि शास्त्री ब्रिज की जर्जर हालत को लेकर कई बार नगर निगम को शिकायतें की गई थीं, लेकिन निगम ने अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वहीं आज पुल का हिस्सा धंस गया और बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बचा।

पुल की सुरक्षा पर सवाल
शास्त्री ब्रिज पर नगर निगम इन घटनाओं के बाद भी नगर निगम सक्रिय नहीं हुआ है। जो गंभीर चिंता का विषय है। अगर समय रहते ब्रिज की मरम्मत नहीं की जाती, तो यह स्थिति नहीं बनती। फिलहाल, पुल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। जिसमें नगर निगम तुरंत तकनीकी जांच करवाकर शास्त्री ब्रिज की स्थिरता पर स्पष्ट रिपोर्ट जारी करें। लेकिन यह स्पष्ट है कि नगर निगम की लापरवाही और उदासीन रवैये ने न केवल शहर की यातायात व्यवस्था को खतरे में डाला है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।