घर में पड़ा सोना दिला सकता है नियमित इनकम, अपनाएं ये फायदे वाले उपाय

धनतेरस और दिवाली के शुभ अवसर पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। हर साल की तरह इस बार भी लोगों ने इस त्योहार पर सोने के गहने, सिक्के या बिस्किट खरीदे होंगे। लेकिन अक्सर यही सोना सालों तक लॉकर या अलमारी में बंद रह जाता है। यह हमारी संपत्ति तो जरूर है, लेकिन जब तक यह निष्क्रिय पड़ा रहता है, तब तक यह किसी काम का नहीं। असल में यह एक ‘डेड एसेट’ (मृत संपत्ति) की तरह है — जिसका मूल्य तो बढ़ता है, लेकिन उससे कोई नियमित आय नहीं होती।

अब समय आ गया है कि हम इस सोने को सिर्फ सजावट का साधन न मानकर, अपनी आर्थिक रणनीति का सक्रिय हिस्सा बनाएं। आइए जानते हैं कि किस तरह आप सोना बेचे बिना भी उससे कमाई कर सकते हैं।

सोने से कमाएं मुनाफा, बिना उसे बेचे

यदि आप अपना सोना बेचना नहीं चाहते, लेकिन चाहते हैं कि यह आपके लिए अतिरिक्त आय का साधन बने, तो इसके दो समझदारी भरे विकल्प हैं —

1. गोल्ड लीजिंग (Gold Leasing): सोना ‘किराए’ पर देने का स्मार्ट तरीका

आजकल कई डिजिटल प्लेटफॉर्म, जैसे SafeGold या अन्य गोल्ड फिनटेक कंपनियां, गोल्ड लीजिंग की सुविधा देती हैं। इस प्रक्रिया में आप अपने डिजिटल या भौतिक सोने को ज्वैलर्स को एक तय अवधि के लिए किराए पर देते हैं। ज्वैलर्स इस सोने को अपनी वर्किंग कैपिटल के रूप में इस्तेमाल करते हैं और इसके बदले आपको सालाना 2% से 5% तक का रिटर्न देते हैं।

सबसे खास बात यह है कि यह रिटर्न रुपयों में नहीं बल्कि सोने के ग्राम में दिया जाता है। यानी अगर सोने की कीमत बढ़ती है, तो आपके रिटर्न की वैल्यू भी अपने आप बढ़ जाएगी। यह तरीका सुरक्षित और लाभदायक दोनों है।

2. गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS): सरकार द्वारा समर्थित सुरक्षित विकल्प

यदि आपके पास पुराने गहने, सिक्के या बिस्किट के रूप में सोना है, तो आप उसे गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत बैंक में जमा कर सकते हैं। इस स्कीम में बैंक आपको जमा किए गए सोने पर 2.25% से 2.5% तक ब्याज देते हैं। ब्याज सोने या नकद, दोनों रूपों में मिल सकता है।

हालांकि मार्च 2025 से मीडियम और लॉन्ग टर्म डिपॉजिट बंद कर दिए गए हैं, लेकिन 1 से 3 साल की शॉर्ट टर्म स्कीम अब भी चालू है। यह न सिर्फ सोने को सुरक्षित रखता है, बल्कि लॉकर में पड़े सोने को भी आय का स्रोत बना देता है।

संकट के समय सोना बेचने के बजाय लें गोल्ड लोन

जीवन में अचानक पैसों की जरूरत कभी भी पड़ सकती है — चाहे वह मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की पढ़ाई या व्यवसायिक नुकसान की स्थिति हो। ऐसे में बहुत से लोग सोना बेचने का निर्णय ले लेते हैं, लेकिन यह हमेशा समझदारी भरा कदम नहीं होता। इसका बेहतर विकल्प है ‘गोल्ड लोन’। आप अपने सोने को बैंक या एनबीएफसी (NBFC) के पास गिरवी रखकर उसके बदले 85% तक लोन प्राप्त कर सकते हैं। यदि लोन राशि ₹5 लाख से अधिक है, तो यह सीमा 75% तक रहती है।

इसका फायदा यह है कि आपका सोना सुरक्षित रहता है और जरूरत के समय तुरंत नकद राशि मिल जाती है। आप इसे आसान ईएमआई में चुका सकते हैं और लोन पूरा करने के बाद अपना सोना वापस ले सकते हैं। यह सोना बेचने से कहीं ज्यादा फायदेमंद विकल्प है।

कब और कैसे बेचना चाहिए सोना?

कई बार लोग सोना बेचना ही उचित समझते हैं, जो गलत नहीं, लेकिन इसमें समय का चुनाव बेहद जरूरी है। जब आप सोना खरीदते हैं तो उसकी कीमत के ऊपर मेकिंग चार्ज, जीएसटी और प्रीमियम चुकाना पड़ता है, जो 10% से 25% तक हो सकता है। लेकिन जब आप वही सोना बेचते हैं, तो आपको मेकिंग चार्ज वापस नहीं मिलता।

इसलिए, सोना तब ही बेचना समझदारी है जब उसका वर्तमान भाव आपके खरीद मूल्य और मेकिंग चार्ज दोनों से अधिक हो जाए। त्योहारों के तुरंत बाद या जल्दबाजी में सोना बेचना अक्सर घाटे का सौदा साबित होता है। बेहतर होगा कि आप बाजार की कीमतों और वैश्विक रुझानों पर नजर रखें, फिर निर्णय लें।