इंदौर में प्रतिष्टित माहेश्वरी समाज में इन दिनों एक अजीब से विवाद गहरा रहे है। जिसकी मुख्य जड़ तो अभी तक सामने नहीं आई है लेकिन यहां समाज की शैक्षणिक संस्था माहेश्वरी कॉलेज ट्रस्ट और कॉलेज स्टाफ के बीच विवाद गहरा गया है। ट्रस्ट का आरोप है उन्हें चार घंटे तक बंधक बना कर रखा गया। इसके साथ ही उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया।
प्रिसंपल को नोटिस जारी
मामले में प्रिंसीपल और स्टाफ को नोटिस जारी किया गया है। यहीं बताया जा रहा है कि स्टॉफ ने दीपावली पर्व आने के चलते ट्रस्ट की मीटिंग में सिर्फ वेतन देने की बात कही थी। जिसकी वास्तविकता क्या है यह तो जांच को विषय है लेकिन पुलिस भी शायद इस मामलें से पल्ला झाड़ने में ही लगी है।
ट्रस्टी ने लगाए आरोप
मध्यप्रदेश में इंदौर के आरपीएल माहेश्वरी कॉलेज में एक बार कॉलेज प्राचार्य स्टाफ का ट्रस्ट बोर्ड में बड़ा विवाद हो गया है। ये कॉलेज माहेश्वरी समाज इंदौर द्वारा चलाया जा रहा है। ट्रस्ट ने इस मामले में प्रिंसिपल और स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाया। इन्होने कहा कि चार घंटे तक कही जाने नहीं दिया और अशोभनीनय व्यवहार किया गया। पुलिस को मोके पर बुलाया गया और फिर वह बाहर गए
ट्रस्ट अध्यक्ष और कॉलेज अध्यक्ष ने दिया नोटिस
माहेश्वरी कॉलेज ट्रस्ट अध्यक्ष पुरूषोत्तम पसारी और कॉलेज शिक्षण समिति के अध्यक्ष रामअवतार जाजू ने इस मामलें में प्रिंसिपल राजीव झालानी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने का आदेश दिया है।
नोटिस में बताया 11 अकटूबर को ऐसे हुआ कांड

पसारी द्वारा दिए गए नोटिस में है कि 11 अक्टूबर की शाम चार बजे कॉलेज के बोर्ड कक्ष में शिक्षण समिति की बैठक हुई। इसमें ट्रस्टी उपस्थित थे। इस दौरान कॉलेज के कर्मचारियों सहायक प्राध्यापक,तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा मीटिंग में आकर अशोभनीय व्यवहार किया गया। सभीको अपमानित किया गया। साथ ही घेराव किया गया। स्थिति को गंभीरता को देखते हुए पुलिस को बुलाना पड़ा इसके बाद सभी को आठ बजे सुरक्षित निकाला गया। यह गंभीर स्थिति है। इन सारे कृत्य से यह पता चलता है कि क़ॉलेज को अपनी निजी एकल संस्ता की तरह संचालित करने को प्रयास कर रहे है। यह अस्वीकार्य है इस पर तीन दिन में जवाब देने को कहा गया है।
जाजू द्वारा झालानी को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि 11 अक्टूबर को ट्रस्टगण की बैठक में स्टाफ ने आकर गरिमा के विपरीत व्यवहार किया। मै 77 साल का व्यक्ति हूं और समाज में विविध दायित्व संभालता हूं। मीटिंग में घुसकर स्टाफ द्वारा नारे लगाए गए, घेराव किया गया। पुलिस को बुलाना पड़ा फिर रात आठ बजे सुरक्षित निकले आप अनुशासन बनाए रखने में विफल रहे है। इस सबंध में तीन दिन मे जवाब दें

जिम्मेदारो का यह है कहना
इस मामले में पसारी ने कहा कि हां नोटिस दिया है। घटना 11 अक्टूबर की है। लेकिन दिवाली के चलते हमने नोटिस नहीं दिया था। अब त्यौहार खत्म हो गए है। यह समाज की संस्था है इसमें गलत नहीं होने दिया जा सकता है। बहुत खराब व्यवहार था और पुलिस को बुलाना पड़ा था।
वहीं प्रोफेसर राजीव झालानी ने कहा कि सितंबर माह का वेतन जारी नहीं किया गया था। अब ट्रस्ट की बैठक हुई तो त्यौहार के चलते स्टाफ ने वहीं वेतन मांगा था। कोई गलत व्यवहार नहीं हुआ। इसके बाद ही यह वेतन जारी हुआ। किसी ने कोई गलत व्यवहार नहीं किया और नोटिस अभी मुंझे नहीं मिला है वैसी भी बात 11 अक्टूबर की थी कुछ गलत था तो तभी बात करना थी।