नकली नोट छाप कर देश की अर्थव्यवस्था तोड़ने के प्रयास, अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश

मंदसौर पुलिस ने नकली नोट छापने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. वायडी नगर थाना क्षेत्र की मुल्तानपुरा चौकी पुलिस ने गिरोह के मुख्य सरगना को पंजाब से गिरफ्तार किया. आरोपी 36 वर्षीय गुरजीत सिंह अपने घर पर ही नकली नोटों का कारखाना चला रहा था.

घर पर बना रहा था नकली नोट
शहर के वायडी नगर थाना क्षेत्र की मुल्तानपुरा चौकी पुलिस ने नकली नोट छापने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने गिरोह के मुख्य सरगना को पंजाब से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी 36 वर्षीय गुरजीत सिंह अपने घर पर ही नकली नोटों का कारखाना चला रहा था. पुलिस ने उसके घर से 3 लाख 66 हजार रुपए के नकली नोट जब्त किए हैं. इसके साथ कलर प्रिंटर, नोटों पर चिपकाने वाली हरे रंग की चमकीली पन्नी और कंप्यूटर भी बरामद किया गया है. जांच में सामने आया कि गुरजीत सिंह ने नकली नोट छापने की प्रक्रिया यूट्यूब से सीखी थी।
500-500 रुपए के नकली नोट आए सामने 
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिन पहले तीन आरोपियों को 500-500 रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था. ये आरोपी एक होटल में बैठे थे. खुफिया सूचना के बाद की गई कार्रवाई में पुलिस ने तीनों को दबोच लिया. तलाशी में एक जैसे सीरियल नंबर वाले 38 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए थे. ये सभी नोट दिखने में एक जैसे थे और सीरियल नंबर से इनके नकली होने की पुष्टि तुरंत हो गई थी. पुलिस ने इन्‍हीं आरोपियों से सघन पूछताछ की तो एक-एक करते हुए कई तथ्‍य सामने आए. इस गिरोह के तार देश के अन्‍य राज्‍यों से जुड़ते चलते गए।

डिजिटल प्रिंटर से छापे नकली नोट 
नकली नोट बनाने वाले गिरफ्तार तीनों आरोपियों की पहचान पिपलिया मंडी निवासी निसार पटेल, रियाज खान और राजस्थान के भीलवाड़ा निवासी दीपक गर्ग के रूप में हुई. जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह डिजिटल प्रिंटर से नकली नोट छापकर मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में खपाने की तैयारी में था. टीआई संदीप मंगोलिया ने बताया कि इन तीनों से पूछताछ में अहम जानकारी मिली. उनकी निशानदेही पर ही पुलिस ने गिरोह के सरगना गुरजीत सिंह को पंजाब से गिरफ्तार किया. आरोपी पहले भी हरियाणा और राजस्थान में नकली नोट छापने के मामलों में पकड़ा जा चुका है।

लंबे समय से फर्जी नोटों का नेटवर्क
पुलिस का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से फर्जी नोटों का नेटवर्क चला रहा था. नकली नोट इतनी कुशलता से बनाए गए थे कि असली से फर्क करना मुश्किल था. फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है. नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है. आने वाले दिनों में इस मामले में अन्‍य लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.