इंदौर में खजराना से लेकर बड़ा गणपति तक, अब अंडरग्राउंड चलेगी मेट्रो- मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की बड़ा फैंसला

इंदौर में लंबे समय से चर्चा का विषय बनी मेट्रो परियोजना को लेकर नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कर दिया कि मेट्रो के रूट या प्लान में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा और एमजी रोड पर मेट्रो अंडरग्राउंड ही चलेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस निर्माण कार्य के दौरान किसी मकान या दुकान को नुकसान नहीं पहुंचेगा।

नई तकनीक से बनेगा मल्हारगंज स्टेशन

मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि मल्हारगंज स्टेशन अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किया जाएगा। दिल्ली के चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन की तर्ज पर मशीन से खुदाई की जाएगी, ताकि आसपास की इमारतों को नुकसान न हो। उन्होंने कहा — “यहां एक गमला भी नहीं टूटेगा, सब कुछ जैसे का तैसा रहेगा।”

विजयवर्गीय ने लोगों से अपील की कि वे मेट्रो प्रोजेक्ट में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि मिट्टी परीक्षण के दौरान स्थानीय निवासियों ने विरोध किया था, लेकिन वह उनकी जानकारी की कमी के कारण हुआ।

मेट्रो रूट रहेगा पूरी तरह भूमिगत

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि खजराना, पलासिया से लेकर बड़ा गणपति तक मेट्रो पूरी तरह अंडरग्राउंड रहेगी। इससे शहर की सुंदरता और संरचना पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने माना कि विजय नगर और रेडिसन चौराहे जैसी जगहों पर पिछली बार गलतियां हुई थीं — सड़कें और ओवरब्रिज योजनाओं में तालमेल नहीं था। उन्होंने कहा कि आगे से ऐसी भूल दोहराई नहीं जाएगी।

“मेट्रो से पहले शहर की सुंदरता ज़रूरी”

मंत्री ने स्पष्ट कहा कि शहर का विकास और सुंदरता मेट्रो के बजट से भी अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सयाजी होटल के सामने की रोड पहले बेहद खूबसूरत थी, लेकिन मेट्रो पिलर्स के कारण अब उसकी शोभा खत्म हो गई है। इसलिए अब किसी भी प्रोजेक्ट में सौंदर्य और सुविधा दोनों का संतुलन रखा जाएगा।

विजयवर्गीय ने कहा कि यदि मेट्रो प्रोजेक्ट थोड़ा लेट भी होता है तो चिंता की बात नहीं है, क्योंकि “हम शहर को बदसूरत होते नहीं देख सकते।”

नगर निगम की जिम्मेदारी तय, क्वालिटी पर जोर

बैठक में मंत्री ने नगर निगम के कार्यों की गुणवत्ता पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कई परियोजनाओं में रिस्टोरेशन का काम ठीक से नहीं हुआ। अब अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो। उन्होंने यह भी बताया कि आईडीए को कॉलोनियों की दोबारा जांच करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे भविष्य की असुविधाओं से बचा जा सके।

नर्मदा प्रोजेक्ट से इंदौर को मिलेगा बड़ा फायदा

मंत्री ने जानकारी दी कि नर्मदा प्रोजेक्ट का चौथा चरण इंदौर के लिए गेमचेंजर साबित होगा। यह योजना 2040 तक की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम ने राज्य सरकार से कोई अनुदान नहीं मांगा, बल्कि अपने संसाधनों से इसे पूरा करने का निर्णय लिया — जो इंदौर की आत्मनिर्भरता का प्रमाण है।

शहर में छोटे स्टीमर चलाने की योजना

कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि सरकार और नगर निगम मिलकर खान नदी को पुनर्जीवित करने की योजना बना रहे हैं। लक्ष्य है कि शहर के बीच से होकर लाइव वाटर बॉडी बनाई जाए, जहां छोटे-छोटे स्टीमर या जल परिवहन चलें। यह योजना रामबाग से नवलखा तक के बीच लागू होगी, जिससे सड़कों पर ट्रैफिक दबाव कम होगा और शहर को एक नया पर्यटन स्वरूप मिलेगा।

विभागों को चेतावनी और पारदर्शिता पर जोर

बैठक के अंत में मंत्री ने विभागीय कमियों पर सख्त रुख अपनाया और चेतावनी दी कि अब किसी भी अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान की सड़कों की चौड़ाई कम नहीं होगी, और विकास कार्यों में नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।

भंवरकुआं चौराहे पर स्थित मंदिर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा — “जहां पहले मंदिर का शिखर ब्रिज के कारण हटाया गया था, उसे फिर से बनाया जाएगा, ताकि विकास के साथ आस्था का भी सम्मान बना रहे।”