पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नर्मदा तट पर शुरू किया आश्रम निर्माण, कहा – गुरु आदेश से सेवा का संकल्प

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नर्मदा नदी के किनारे एक नए अध्यात्मिक केंद्र की नींव रखी है। नरसिंहपुर जिले के रोहिणी गांव में नर्मदा तट पर वे एक भव्य आश्रम का निर्माण करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह निर्णय उन्होंने अपने गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी की आज्ञा से लिया है। उसी आदेश के पालन में उन्होंने यह भूमि खरीदी और अब यहां सेवा, साधना और सदाव्रत (नित्य अन्नदान) की व्यवस्था की जा रही है।

गुरु परंपरा से जुड़ा भावनात्मक रिश्ता, कहा – “रोहिणी में सेवा मेरा धर्म”

दिग्विजय सिंह ने नर्मदा तट पर मौजूद संतों और ग्रामीणों से बातचीत के दौरान कहा कि उनका जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, और गुरु स्वरूपानंद सरस्वती जी ने उन्हें निर्देश दिया था कि वे “रोहिणी में रहकर सेवा करें”। इसी आदेश को जीवन का मार्ग मानते हुए उन्होंने यह भूमि ली और आश्रम का निर्माण कार्य शुरू कराया। उन्होंने कहा कि यह स्थान सिर्फ एक धार्मिक केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय सेवा का स्थल बनेगा, जहां नर्मदा भक्तों के लिए प्रवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

गांव में पहुंचे दिग्विजय सिंह और अमृता सिंह, स्वास्थ्य शिविर में की शिरकत

दिग्विजय सिंह बुधवार को अपनी पत्नी अमृता सिंह के साथ रोहिणी गांव पहुंचे। यहां उन्होंने नर्मदा किनारे चल रहे स्वास्थ्य शिविर में हिस्सा लिया और ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने स्थानीय महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का हाल जाना तथा चिकित्सकों से भी संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह आश्रम न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र होगा, बल्कि गांव के विकास और सेवा गतिविधियों का केंद्र बनेगा।

दो महीने की बच्ची को गोद लिया, नाम रखा ‘सज्जा’

अपनी इस यात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता सिंह ने एक मानवीय पहल भी की। उन्होंने गांव की एक महिला की दो महीने की बेटी को गोद लिया। शुरुआत में बच्ची का नाम वैशाली रखा गया था, लेकिन बाद में उन्होंने उसका नाम बदलकर ‘सज्जा’ रखा। दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह बच्ची उनके जीवन का नया प्रकाश है और वे इसे नर्मदा माता का आशीर्वाद मानते हैं।

नर्मदा सेवा से जुड़ी दीर्घकालिक योजना

दिग्विजय सिंह लंबे समय से नर्मदा परिक्रमा और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यों में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आश्रम नर्मदा संरक्षण, वृक्षारोपण और ग्रामीण स्वास्थ्य जैसे कार्यों का केंद्र बनेगा। यहां सदाव्रत यानी सभी के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाएगी और साधकों के लिए नर्मदा तट पर ध्यान-भजन के लिए स्थान भी तैयार किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों में उत्साह, कहा – “गांव के विकास की उम्मीद बढ़ी”

रोहिणी गांव में दिग्विजय सिंह की इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री का यह कदम गांव के विकास और पहचान को नई दिशा देगा। कई लोगों ने कहा कि आश्रम के निर्माण से क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।