इंदौर कांग्रेस में अंतर्कलह एक बार फिर सतह पर आ गई है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे की नियुक्ति के बाद से ही जो विरोध की चिंगारी सुलग रही थी, वह अब एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद भड़क उठी है। इस ऑडियो में चौकसे और पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा के बीच हुई बातचीत बताई जा रही है, जिसमें कथित रूप से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है। इस घटना ने न केवल संगठन में असंतोष की स्थिति पैदा कर दी है, बल्कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक हलचल मचा दी है।
कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इस पूरे विवाद पर शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने नाराजगी जताते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे का यह आचरण पार्टी अनुशासन और संगठन की गरिमा के विरुद्ध है। यादव ने मांग की है कि वायरल ऑडियो और संबंधित घटनाओं की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि कांग्रेस की एकता और मर्यादा बनी रहे। यादव का कहना है कि किसी भी स्तर पर पार्टी नेतृत्व के प्रति असम्मानजनक शब्द या व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस प्रकरण को “संगठन के लिए शर्मनाक” बताते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
चौकसे पर पहले भी लग चुके हैं आरोप
देवेंद्र यादव ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि यह पहली बार नहीं है जब चौकसे ने विवादित बयान दिया हो। उन्होंने आरोप लगाया कि इंदौर दौरे के दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय दत्त की मौजूदगी में चिंटू चौकसे ने बैठक में कहा था कि “उनकी अनुमति के बिना कोई भी बड़ा नेता इंदौर नहीं आएगा और न कोई कार्यक्रम करेगा।” यादव के अनुसार, यह बयान न सिर्फ वरिष्ठ नेताओं का अपमान है, बल्कि संगठन की एकजुटता को कमजोर करने वाला भी है। उनका कहना है कि चौकसे का रवैया अहंकारपूर्ण है और इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष गहराता जा रहा है।
ऑडियो कांड ने और बढ़ाई मुश्किलें
वायरल ऑडियो ने इंदौर कांग्रेस की सियासत में भूचाल ला दिया है। बताया जा रहा है कि यह बातचीत चिंटू चौकसे और सुरजीत चड्ढा के बीच मोबाइल पर हुई थी। इस कथित ऑडियो में चौकसे, दिग्विजय सिंह के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करते सुनाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं, वे यह भी कहते हैं कि “किसी के बाप के नौकर नहीं हैं।” यह बयान पार्टी में अनुशासन और नेतृत्व के प्रति असम्मान के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस घटना से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय नेतृत्व से चार सीधे सवाल
देवेंद्र यादव ने अपने पत्र में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे से चार अहम सवाल पूछे हैं –
1. क्या वायरल ऑडियो की जांच के लिए कोई समिति गठित की गई है? अगर हां, तो उसकी स्थिति क्या है?
2. संजय दत्त की बैठक में दिए गए चौकसे के बयान पर पार्टी स्तर पर कोई कार्रवाई हुई है या नहीं?
3. क्या चिंटू चौकसे और सुरजीत चड्ढा से स्पष्टीकरण लिया गया है?
4. भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या पार्टी कोई सख्त अनुशासनात्मक दिशा-निर्देश जारी करेगी?
चुप्पी साधे बैठे हैं चिंटू चौकसे
विवाद बढ़ने के बावजूद चिंटू चौकसे की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वे इस पूरे मामले पर मौन हैं, जबकि इंदौर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस विवाद पर नाराजगी जता चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पार्टी ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह विवाद इंदौर कांग्रेस की एकजुटता और चुनावी तैयारी दोनों को कमजोर कर सकता है।
इंदौर कांग्रेस में बढ़ेगी हलचल
वायरल ऑडियो और शिकायत के बाद अब इंदौर कांग्रेस में सियासी हलचल और तेज होने की संभावना है। कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है, और कई नेता खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करने लगे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह विवाद केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रहेगा यह इंदौर कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाजी और संगठनात्मक कमजोरी को उजागर करता है। आने वाले दिनों में इस प्रकरण पर पार्टी नेतृत्व की प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।