हिमालयी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही बर्फबारी का असर अब मध्यप्रदेश के मौसम पर भी साफ दिखने लगा है। उत्तर दिशा से बहती ठंडी हवाओं ने पूरे प्रदेश के तापमान में गिरावट ला दी है। बुधवार और गुरुवार की रात के बाद से ही ठंड का असर तेजी से बढ़ा है। सुबह के वक्त हल्की ठिठुरन और देर रात चलने वाली सर्द हवाएं अब लोगों को सर्दी के मौसम का एहसास कराने लगी हैं।
तापमान में आई बड़ी गिरावट
मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में रात का तापमान सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। राजगढ़ इस समय सबसे ठंडा जिला बना हुआ है, जहां न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इंदौर में पारा 12.1°C तक गिर गया, जो पिछले 10 वर्षों में नवंबर महीने की पांचवीं सबसे ठंडी रात मानी जा रही है। वहीं, भोपाल का तापमान 13°C, ग्वालियर का 16.3°C, उज्जैन का 14.5°C, और जबलपुर का 18.3°C दर्ज किया गया।
इसके अलावा, अन्य शहरों में भी ठंड ने दस्तक दे दी है धार में 14.1°C, गुना में 14.7°C, और नौगांव में 15.1°C तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग के रिकॉर्ड बताते हैं कि पिछले साल नवंबर में इंदौर का तापमान 11.6°C तक पहुंच गया था, यानी इस बार भी मौसम उसी ठंडे रुख पर है।
आने वाले दिनों में और गिरेगा पारा
मौसम विभाग के अनुसार, ठंडी हवाओं का यह असर फिलहाल थमने वाला नहीं है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अगले पांच दिनों तक प्रदेश में कहीं भी बारिश की संभावना नहीं है। उत्तरी हवाएं लगातार सक्रिय हैं, जिससे रात के तापमान में और गिरावट आने की संभावना है।
दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। गुरुवार को भोपाल में अधिकतम तापमान 28.4°C, इंदौर में 28.3°C, ग्वालियर में 28.6°C, उज्जैन में 29.5°C और जबलपुर में 30.7°C रिकॉर्ड किया गया। दमोह, सागर, रीवा, मंडला, नर्मदापुरम और खंडवा को छोड़कर ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से नीचे ही रहा। यह संकेत है कि अब सर्दी अपने पूरे प्रभाव में आने को तैयार है।
हिमालय की बर्फबारी का असर मैदानों तक
हिमालय की ऊंची पहाड़ियों जैसे गुलमर्ग, बद्रीनाथ-केदारनाथ, लाहौल-स्पीति और किन्नौर में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे पहाड़ों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। इसका सीधा असर अब मैदानों में महसूस किया जा रहा है। उत्तर भारत की ओर से आने वाली ठंडी हवाओं ने मध्यप्रदेश में सर्दी की रफ्तार बढ़ा दी है। मौसम विभाग के मुताबिक, राज्य में तापमान औसतन 6.1 डिग्री तक नीचे चला गया है, और आने वाले दिनों में पारा और नीचे गिरने की संभावना है।
उत्तर भारत में दो सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल उत्तर भारत में दो प्रमुख मौसमी सिस्टम सक्रिय हैं एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और दूसरा साइक्लोनिक सर्कुलेशन। हालांकि, इनका सीधा प्रभाव मध्यप्रदेश पर नहीं पड़ेगा, लेकिन इनके कारण ठंडी हवाओं की गति में वृद्धि होगी। यह हवाएं आने वाले हफ्ते में राज्य के तापमान को और कम कर सकती हैं।
बढ़ने लगा कोहरा, घटने लगी दृश्यता
सर्द हवाओं के साथ अब कोहरा भी प्रदेश के कई हिस्सों में दिखाई देने लगा है। मंडला में विजिबिलिटी घटकर 1–2 किलोमीटर तक रह गई, जबकि जबलपुर, रीवा और सतना में दृश्यता 2 से 4 किलोमीटर के बीच दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि जैसे-जैसे तापमान घटेगा, वैसे-वैसे सुबह और देर रात कोहरा और घना होता जाएगा। यह स्थिति नवंबर के आखिरी और दिसंबर के पहले हफ्ते तक बनी रह सकती है।
पिछले वर्षों से तुलना
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में नवंबर में ठंड और कभी-कभी हल्की बारिश का यही पैटर्न देखने को मिला है। इस साल भी वही क्रम जारी है। अक्टूबर 2025 में प्रदेश में औसतन 2.8 इंच बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 121% अधिक थी। इसी वजह से अक्टूबर के आखिरी दिनों में तापमान अचानक नीचे गिर गया था। 30 अक्टूबर को भोपाल में दिन का तापमान सिर्फ 24°C दर्ज किया गया, जो पिछले 25 वर्षों में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन था। उज्जैन, नरसिंहपुर और छतरपुर जैसे जिलों में भी दिन का तापमान 24 डिग्री से नीचे चला गया था।