Chhindwara News : इन दिनों सोशल मीडिया पर एक स्कूल टीचर के रिटारमेंट का वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा रहा है कि स्कुल का स्टाफ ग्रामीण लोग स्कूली शिक्षक के रिटायरमेंट मिलने पर उन्हें बैंड बाजा और बारात और फूलो के रथ पर बैठाकर पूरे गांव में घुमा रहे है।
शिक्षक को इतना सम्मान दे रहे है कि देखने वालों की आंखे नम हो जाए। दरअसल, ये वीडियो मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का बताया जा रहा है।
छिंदवाड़ा जिले के तामिया विकासखंड के धोबीवाड़ा गांव में एक अनोखी और भावनात्मक विदाई समारोह देखने को मिला, जिसने सभी के दिलों को छू लिया। यहा प्राथमिक विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक मेघराज पराड़कर के सेवानिवृत्त होने पर गांव वालों, विद्यार्थियों और शिक्षकों ने उन्हें बैंड-बाजे और फूलों से सजे रथ पर बैठाकर पूरे गांव में घुमाया। ये नजारा किसी दूल्हे की बारात जैसा रहा, जिसमें पूरा गांव शामिल हुआ।
38 साल 10 माह की लंबी सेवा के बाद जब मेघराज पराड़कर ने विदाई ली, तो स्कूल के बच्चे, अभिभावक, ग्रामीण और जनप्रतिनिधि सभी उन्हें सम्मान देने उमड़ पड़े। विदाई जुलूस के दौरान ग्रामीण नाचते-गाते चल रहे थे, बच्चों ने फूल बरसाए और शिक्षक के गले में मालाओं की लड़ी पड़ी थी।
वीडियो में देखा जा रहा है कि पूरे गांव में “गुरुजी अमर रहें” और “गांव का गौरव मेघराज सर” के नारे गूंज रहे है। सूत्रो के अनुसार बताया जा रहा है कि ये आयोजन जनपद सदस्य हरीश उईके के नेतृत्व में किया गया, जिसमें गांव के गणमान्य नागरिकों की बड़ी संख्या मौजूद रही।
कार्यक्रम में शिक्षक पराड़कर की गाड़ी को दूल्हे के रथ की तरह सजाया गया था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1 अक्टूबर 1987 को इसी प्राथमिक विद्यालय से की थी और पूरी सेवा अवधि में बच्चों को अनुशासन, निष्ठा और शिक्षा का महत्व सिखाया। उनके समर्पण और सादगी ने उन्हें गांव के हर व्यक्ति के दिल में खास जगह दी।
विदाई के दौरान भावुक हुए मेघराज पराड़कर ने कहा कि – “मुझे गर्व है कि इतने लोग मेरे सम्मान में यहां आए हैं। शायद 26 जनवरी या 15 अगस्त पर भी इतनी भीड़ नहीं होती। मेरी यही अपील है कि माता-पिता अपने बच्चों को रोज स्कूल भेजें, क्योंकि यही गांव के उज्जवल भविष्य की कुंजी है।” उनकी यह भावनात्मक अपील और ग्रामीणों का स्नेहिल सम्मान यह साबित करता है कि एक सच्चा शिक्षक केवल पढ़ाने वाला नहीं, बल्कि समाज को संस्कारों की शिक्षा देने वाला मार्गदर्शक होता है।
धोबीवाड़ा गांव में इस अद्भुत विदाई समारोह का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और लोग इसे एक प्रेरणादायक उदाहरण बता रहे हैं कि कैसे समाज अपने सच्चे शिक्षकों को जीवनभर की सेवा के बाद सम्मानित कर सकता है।