मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया सम्मान, विश्व कप विजेता क्रिकेटर क्रांति गौड़ को मिली ऐतिहासिक पहचान

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज़ गेंदबाज़ क्रांति गौड़ को शुक्रवार, 7 नवंबर 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास (CM हाउस) में सम्मानित किया। क्रांति गौड़ हाल ही में संपन्न महिला क्रिकेट विश्व कप की विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रही हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य की बेटी बताते हुए गर्व का भाव व्यक्त किया और कहा कि उनकी सफलता पूरे प्रदेश और देश के लिए प्रेरणा है। कार्यक्रम में क्रांति की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा — “क्रांति जैसी बेटियां मध्यप्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने साबित किया है कि कठिन परिस्थितियाँ कभी भी प्रतिभा को रोक नहीं सकतीं।”

सीएम से हुई सीधी बातचीत — संघर्ष से सफलता तक की कहानी

सम्मान समारोह के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्रांति गौड़ से आत्मीय संवाद किया। बातचीत के दौरान क्रांति ने बताया कि उन्होंने कठिन आर्थिक परिस्थितियों और पारिवारिक संघर्षों के बीच क्रिकेट की राह चुनी थी। उन्होंने कहा कि पिता की नौकरी छूट जाने के बाद परिवार का गुजर-बसर मुश्किल हो गया था, लेकिन खेल के प्रति जुनून ने कभी हिम्मत नहीं टूटने दी। क्रांति ने बताया कि कई बार मैदान पर अभ्यास के लिए पैसे न होने पर उन्हें पुराने स्पोर्ट्स शूज़ और टूटी हुई बॉल्स से भी अभ्यास करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी सपनों को मरने नहीं दिया।
सीएम ने इस कहानी को ध्यान से सुना और कहा कि ऐसी बेटियां समाज में हिम्मत और उम्मीद का प्रतीक हैं।

पिता की सेवा बहाल होगी — मुख्यमंत्री ने किया बड़ा ऐलान

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्रांति गौड़ के पिता मुन्ना लाल गौड़ को लेकर एक अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्रांति के पिता, जो लगभग 15 वर्ष पहले पुलिस विभाग में पदस्थ थे, चुनावी ड्यूटी के दौरान कथित लापरवाही के आरोप में सेवा से हटा दिए गए थे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की — “क्रांति की लगन, अनुशासन और समर्पण ने यह साबित कर दिया है कि यह परिवार सम्मान का हकदार है। इसलिए, उनके पिता की पुलिस विभाग में पुनः बहाली की जाएगी।” यह सुनते ही समारोह स्थल तालियों से गूंज उठा, और क्रांति की आंखों में भावनाओं की चमक झलकने लगी।

1 करोड़ का सम्मान — खेल भावना को मिला नायाब पुरस्कार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर क्रांति गौड़ को ₹1 करोड़ की सम्मान राशि का चेक प्रदान किया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश सरकार की ओर से एक ‘आभार और गर्व का प्रतीक’ है। सीएम ने यह भी घोषणा की कि आगामी बिरसा मुंडा जयंती समारोह, जो जबलपुर में आयोजित होगा, उसमें क्रांति गौड़ का पुनः भव्य सम्मान किया जाएगा। कार्यक्रम में क्रांति के साथ उनकी मां नीलम सिंह, पिता मुन्ना लाल गौड़, कोच राजीव सिंह, और प्रदेश की कई अन्य महिला क्रिकेटर मौजूद थीं।

संघर्ष की मिसाल — कठिन हालात में गढ़ी सफलता की कहानी

क्रांति गौड़ की यात्रा केवल खेल की नहीं, बल्कि संघर्ष, हिम्मत और उम्मीद की कहानी है। एक दौर ऐसा भी आया जब पिता की नौकरी जाने के बाद घर का खर्च चलाना मुश्किल था। परिवार ने कई बार आर्थिक तंगी का सामना किया, लेकिन क्रांति ने कभी अपनी खेल भावना और लक्ष्य से समझौता नहीं किया। उनकी मेहनत, अनुशासन और जज़्बे ने उन्हें आज उस मुकाम पर पहुंचाया, जहां वे न केवल अपने परिवार की, बल्कि पूरे प्रदेश की गौरवशाली पहचान बन चुकी हैं। क्रांति ने कहा — “मैं चाहती हूं कि मेरी तरह हर लड़की अपने सपनों के लिए लड़े। मुश्किलें रास्ता रोक सकती हैं, मंज़िल नहीं।”

मध्यप्रदेश की बेटी बनी प्रेरणा

क्रांति गौड़ की सफलता ने यह साबित कर दिया कि सपने कभी छोटे नहीं होते, बस उन्हें पाने की कोशिश बड़ी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें “मध्यप्रदेश की गौरवशाली बेटी” बताते हुए कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए और भी नई योजनाएं शुरू करेगी। कार्यक्रम के अंत में सीएम ने कहा “क्रांति का नाम अब केवल खेल मैदान तक सीमित नहीं रहेगा, यह हर उस घर तक पहुंचेगा जहां बेटियां सपने देखने से डरती हैं।”